झुंझुनू नगर परिषद कुल्हड़ी में गुड फोड़ने जैसा काम करने में लगी है – कमल कांत शर्मा
‘सभापति ने अधिकारियों और कर्मचारियों को डांटने का किया नाटक’
भाजपा पार्षदों को बैठक की सूचना तक नहीं देने का लगाया आरोप
शहरी रोजगार गारंटी योजना की बैठक पूर्ण करवाएं नगर परिषद
मीडिया को भी नहीं दी जाती है समय पर सूचना
झुंझुनू, शनिवार को नगर परिषद के द्वारा शहरी रोजगार गारंटी योजना की बैठक आहूत की गई जिसमें आयुक्त व सभापति द्वारा कुल्हड़ी में गुड़ को फोड़ने जैसा कार्य किया गया है। यह कहना है भाजपा जिला प्रवक्ता एवं नगर मंडल अध्यक्ष कमल कांत शर्मा का। शर्मा ने नगर परिषद पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्षदों की अनुपस्थिति में इंद्रा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत बैठक कर निर्णय लिया है जिसमें सभापति व आयुक्त के द्वारा तानाशाही शासन का परिचय दिया गया है। भाजपा पार्षदों को बैठक की सूचना तक नहीं दी गई ताकि कांग्रेस बोर्ड पर किसी भी पार्षद के द्वारा शहर के बिगड़े हालात पर कोई सवाल ना पूछे जाए। शर्मा ने बताया कि आयुक्त व सभापति ने ना ही तो पार्षदों से शहर की समस्याओं पर चर्चा की बल्कि स्वयं के द्वारा तय किए हुए कार्यों को थोपने का कार्य किया है जोकि शहर के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा है। जनता का पैसा उनके विकास व सुविधाओं में लगना चाहिए जबकि नगर परिषद झुंझुनू में सभापति स्वयं के लोगों को रेवड़ी बांटने का कार्य कर रही है। भाजपा नेता कमल कांत शर्मा ने कहा कि बैठक में एक तिहाई बहुमत नहीं होने की वजह से उक्त बैठक में लिए गए निर्णय मान्य नहीं हो सकते । झुंझुनू शहर के 60 वार्डों में से मात्र 11 पार्षद ही बैठक में उपस्थित थे। बैठक में कांग्रेस के पूर्व पार्षद भी उपस्थित नहीं थे। यदि नगर परिषद को 9 सितंबर को होने वाले कार्यों की जानकारी ही देनी थी तो वे समाचार पत्रों के माध्यम से दे सकते थे। उसके लिए नाटकीय ढंग से बैठक बुलाने की कहां आवश्यकता थी। उन्होंने बैठक पुनः बुलाकर शहर की समस्याओं पर चर्चा कर आम जनता का पैसा उनकी समस्याओं पर सही तरीके से लगाने की मांग की है। शर्मा ने नगर परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 3 वर्ष में नगर परिषद के द्वारा जितनी भी बैठकें आहूत की गई है आयुक्त व सभापति के द्वारा उन बैठकों की प्रोसिडिंग की प्रतिलिपि पार्षदों को आज तक नहीं दी गई है, जबकि नियमानुसार प्रत्येक बैठक में हुई प्रोसिडिंग की प्रतिलिपि प्रत्येक पार्षद को देने का प्रावधान है। इससे स्पष्ट होता है कि नगर परिषद बोर्ड में पारदर्शिता का अभाव है, नगर परिषद अपने द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचारों को छुपाने का प्रयास कर रही है। कमल कांत शर्मा ने कहा कि नगर परिषद अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ है , मात्र अधिकारियों को दिखावटी डांट पिलाकर नाटक रचने से अच्छा है, कि जनता के बीच में जाकर विकास का कार्य करें , ताकि शहर वासी सफाई , सड़क , नालियों व लाइट जैसी समस्याओं से निजात पा सके। आंख मूंदकर पट्टे बांटने से जिम्मेदारियां पूरी नहीं होती। शहर में दर्जनों पट्टे गलत व निजी स्वार्थ के चलते बनाए गए हैं जो विवाद का कारण बने हुए हैं।