गांव दस्सुसर के बजरंग लाल कलवानिया चलाते है राजलदेसर में मोबाइल रिपेयर की दूकान
दिल में हवाई जहाज देखने की इच्छा हुई, एयरपोर्ट पर नहीं घुसने दिया तो 6 साल की मेहनत से बना डाला एयरक्राफ्ट
रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] गांव दस्सुसर का बजरंग लाल कलवानिया है, जिसने एयरक्राफ्ट बना डाला है। अब बजरंग को इस एयरक्राफ्ट को सार्वजनिक तौर पर किसी हवाई पट्टी पर उड़ाकर दिखाने के लिए प्रशासन की अनुमति का इंतजार है।बातचीत में बजरंग लाल ने बताया कि वो राजलदेसर में मोबाइल रिपेयर दुकान चलाता है। साल 2015 में मोबाइल का सामान लेने जयपुर गया तो दिल में हवाई जहाज देखने की इच्छा हुई। जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट पर पहुंचा तो सुरक्षाकर्मियों ने अंदर नहीं घुसने दिया। तभी विचार आया कि क्यों ना मैं खुद ही हवाई जहाज जैसा कोई एयरक्राफ्ट बनाने की कोशिश करूं। तब से बजरंग लाल अपना एयरक्राफ्ट बनाने में जुट गया था, जो सप्ताहभर में ही बनकर तैयार हुआ है।25वर्षीय बजरंग लाल के अनुसार उसने एयरक्राफ्ट बनाने में लोहा व स्टील का इस्तेमाल किया। दावा है कि यह एयरक्राफ्ट 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से आसमान में 400 मीटर तक उड़ान भर सकता है। अपने गांव दस्सुसर से राजलदेसर आकर बजरंग सुबह दस से शाम सात बजे तक अपनी दुकान पर मोबाइल रिपेयर करता है। राजलदेसर में ही एयरक्राफ्ट बनाने के लिए एक नोहरा किराए पर ले रखा है। दुकान से फ्री होकर शाम एयरक्राफ्ट पर काम करता है।चूरू जिले के गांव दस्सुसर निवासी किसान ताराचंद कलवानियां का बेटा बजरंग होनहार है। एयरक्राफ्ट से पहले एक ड्रोन भी बना चुका है। अपने एयरक्राफ्ट को इसने राजलदेसर रोड पर एक ताल में उड़ाकर देखा था। दो फीट उड़ने के बाद एयरक्राफ्ट में तकनीकी दिक्कत आ गई थी, जिसे अब ठीक कर लिया गया। बजरंग ने इसमें जीपीएस सिस्टम भी लगाया है। दो टायरों वाला यह एयरक्राफ्ट दिखने में भी असली एयरक्राफ्ट जैसा ही है। एयरक्राफ्ट पर पीला, लाल, हरा व सफेद रंग किया है। बजरंग को चाहिए इससे संबंधित जॉब बजरंग कहता है कि उसने अपनी पांच-छह साल की मेहनत और लाखों रुपए खर्च कर एयरक्राफ्ट बना तो दिया, मगर अब जिला प्रशासन इसे सबके सामने उड़ाकर दिखाने का मौका दे तो बात बने। इसके साथ ही अगर कोई एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी की ओर से बजरंग को जॉब ऑफर हो तो यह उसके लिए एक सपना पूरा होने जैसा रहेगा।सोशल मीडिया पर कमेंट में कई यूजर ने बजरंग लाल का हौसला बढ़ाया है। वहीं कइयों ने आनंद महिंद्रा व रतन टाटा जैसे उद्योगपतियों को टैग करते हुए बजरंग की प्रतिभा को निखरने का मौका देने की बात कही है।