अभियान में 143 स्वास्थ्य केंद्रों पर 2 हजार 307 गर्भवती महिलाओं को मिली निःशुल्क मातृत्व सेवाएं
झुंझुनूं, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जोखिम को कम करने के लिए हर महीने की 9 तारीख को सभी राजकीय चिकित्सकीय संस्थानों पर मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का आयोजन आज बुधवार को मास्क, दो गज की दूरी सहित विभिन्न निर्देशों की पालना करते हुए आयोजित किया गया। जिसमें 143 चिकित्सा संस्थानो पर 2307 गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क जांच व उपचार सुविधा मुहैया करवाई गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने बताया कि निदेशालय से प्राप्त निर्देशों के अनुसार चिकित्सा संस्थानों में अभियान का आयोजन किया गया, जिसमे सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण गाइड लाइन का पालन करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जाँच की गई। आरसीएचओ और नॉडल अधिकारी डॉ दयानंद सिंग ने बताया कि गर्भवती महिलाओं की गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व जांच सुविधाएं देने के उद्देश्य से सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जाता है, जिससे गर्भावस्था व प्रसव के दौरान जोखिम को कम करने में मदद मिल सके। अभियान के दौरान सुनिश्चित किया जा रहा है कि दूसरी और तीसरी तिमाही की गर्भवती महिला का कम से कम एक बार चिकित्सक हैल्थ चौकअप जरूर करे। इस प्रकार अभियान के दौरान गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जोखिम के कारणों का समय पर पता लग पा रहा है तथा इससे विभिन्न कारणों से होने वाली असमय मृत्यु के खतरे पर को काफी हद तक कम करने में मदद मिल रही है। अभियान के दौरान अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उनका उपचार किया जा रहा है और किसी भी प्रकार की जटिलता पाए जाने पर 104 जननी एक्सप्रेस वाहन के जरिए निःशुल्क उच्च चिकित्सा संस्थान पर रैफर कर उपचार सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। साथ ही निजी व सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सेवा प्रदान की जाती हैं। बुधवार को अभियान के तहत 143 संस्थानो पर 2307 गर्भवती महिलाओं को सेवाए उपलब्ध करवाई गई। 5 निजी चिकित्सक ने भी अपनी निःशुल्क सेवाएं दी।