आधा घंटा गुजरने पर भी नहीं आई एंबुलेंस तो ग्रामीणों ने निजी वाहन से पहुंचाया सीएचसी
उच्च अधिकारियों के लिए जाँच का विषय घटना के समय 108 एंबुलेंस सेवा क्यों नहीं पहुंची
झुंझुनू, सरकार के द्वारा सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जहां प्रयास किए जा रहे हैं वहीं हादसों में घायलों को त्वरित रूप से अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा भी शुरू की गई है। लेकिन 108 एंबुलेंस सेवा भी अपनी लेटलतीफी के चलते मजाक सा बन कर रह गई है। झुंझुनू जिले के इस्लामपुर कस्बे के स्वामियों की ढाणी में आज सुबह एक सड़क हादसा हो गया जिसमें घायल व्यक्ति सड़क किनारे तड़पता रहा लेकिन ग्रामीणों द्वारा फोन करने के उपरांत आधे घंटे तक भी एंबुलेंस नहीं आई। जिस पर ग्रामीणों ने राह से गुजर रही एक निजी गाड़ी को रुकवा कर घायल घायल व्यक्ति को सीएचसी सेंटर पहुंचाया। घटना के प्रत्यक्षदर्शी मेघराज स्वामी ने जानकारी देते हुए बताया कि घायल व्यक्ति नगेंद्र श्योराण मालूपुरा निवासी बताया जा रहा है। यह झुंझुनू की तरफ से आ रहा था आगे चल रही गाड़ी को ओवरटेक करने का प्रयास किया तो सामने से मोटरसाइकिल आ गई जिसके चलते सड़क किनारे बने पत्थरों के खुरे से यह टकरा गया। दुर्घटना के बाद जोर का धमाका होने से आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने घायल व्यक्ति को सड़क से हटाकर साइड में किया। तुरंत ही 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया गया लेकिन जब आधा घंटा गुजरने के उपरांत भी एंबुलेंस सेवा नहीं आई तो दोबारा फोन करने पर भी जवाब मिला कि उनको आने में 20 मिनट का टाइम और लगेगा। घायल व्यक्ति की हालत बिगड़ते देख ग्रामीणों ने सड़क मार्ग से गुजरने वाली गाड़ी को रुकवाया और उसके द्वारा घायल व्यक्ति को इस्लामपुर सीएचसी में पहुंचाया। तब तक भी वहां पर एंबुलेंस नहीं पहुंची। 108 एंबुलेंस सेवा नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा गया। वही ग्रामीणों ने बताया कि जब से यह सड़क मार्ग बना है जिला मुख्यालय की से दूरी कम हो गई है जिसके चलते वाहनों का आवागमन बढ़ गया है। लेकिन अनेक स्थानों पर अतिक्रमण के चलते मार्ग भी सकड़ा है जिस स्थान पर हादसा हुआ है वहां पर भी सड़क के बिल्कुल सट कर पुराना पत्थरों का एक खुरा बना हुआ है। वही ग्रामीणों ने बताया कि इस स्थान पर ब्रेकर का निर्माण किया जाना चाहिए जिसके चलते आए दिन होने वाले हादसों पर रोक लग सके। वहीं उच्च अधिकारियों को चाहिए कि घटना के समय 108 एंबुलेंस सेवा कहां पर व्यस्त थी और घटनास्थल पर नहीं पहुंचने के पीछे क्या कारण रहा जिसकी भी जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही दुर्घटना के मामलों में उपस्थित लोगों को भी ख्याल रखना चाहिए कि बिना 108 एंबुलेंस सेवा का इन्तजार किये किए किसी भी साधन से घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल पहुंचाना चाहिए। आपके छोटे से त्वरित प्रयास से एक अनमोल जिंदगी को बचाया जा सकता है।