चूरू, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र की ओर से औद्योगिक विकास में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों की प्रभावी भागीदारी के लिए 22 जून को डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना का विशेष कैम्प आयोजित किया जाएगा। उद्योग महाप्रबन्धक नानु राम गहनोलिया ने बताया कि राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार राज्य के औद्योगिक विकास में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्गों की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना 2022 अधिसूचित की गयी है। योजनान्तर्गत आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में लक्षित वर्गों के उद्यमियों सहित पात्र व्यक्तियों को उद्यम की स्थापना, विस्तार, आधुनिकीकरण, विविधीकरण हेतु विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता, अनुदान एवं अन्य सुविधाओं संबंधी प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत कम लागत पर ऋण सुविधा, सीजीटीएमएसई अन्तर्गत गारण्टी फीस, मार्जिन मनी अनुदान, ब्याज अनुदान सहित विभिन्न प्रकार की सुविधाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जा सकेगा। योजना के प्रमुख प्रावधानों के अनुसार योजना अधिसूचना 08 सितम्बर, 2022 से 31 मार्च, 2027 की अवधि तक प्रभावी रहेगी, जिसमें केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रतिबन्धित गतिविधियों, कृषि एवं संबंधित गतिविधियों (पशुपालन, पक्षीपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी आदि) के अतिरिक्त समस्त वैध विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार क्षेत्र में नवीन उद्यम स्थापित करना, स्थापित उद्यम में विस्तार, विविधीकरण, आधुनिकीकरण करना सम्मिलित होगा। योजना की पात्रता के अनुसार आवेदक अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से संबंधित 18 वर्ष से अधिक आयु एवं राजस्थान के मूल निवासी हो, बैंक-वित्तीय संस्थान के डिफाल्टर न हों, मानसिक रूप से अस्वस्थ एवं दिवालिया घोषित न हों, भागीदारी-एलएलपी फम्र्स, सहकारी समिति एवं कंपनी मामले में अजा-अजजा व्यक्तियों की भागीदारी 51 प्रतिशत या अधिक हों। विनिर्माण उद्यम में अधिकतम परियोजना लागत 10 करोड़ रूपये, सेवा उद्यम में अधिकतम परियोजना लागत 5 करोड़ रुपये, व्यापार क्षेत्र में अधिकतम परियोजना लागत 1 करोड़ रुपये रहेगी। ब्याज अनुदान 25 लाख रुपए तक 9 प्रतिशत, 25 लाख से 5 करोड़ तक 7 प्रतिशत, 5 करोड़ से 10 करोड़ तक 6 प्रतिशत रहेगा। परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अथवा 25 लाख रुपये, जो भी कम हो, मार्जिन मनी अनुदान देय होगा। ऋण की समयावधि 3 से 7 वर्ष तक होगी। ब्याज अनुदान 5 वर्ष तक ही देय होगा।
उन्होंने बताया कि 22 जून को आयोजित विशेष कैम्प में मौके पर ही आवेदन पत्र तैयार करवाये जायेंगे। अतः योजना में आवेदन करने के इच्छुक व्यक्ति अपना आधार कार्ड, फोटो, प्रस्तावित उद्यम की प्रोजेक्ट रिपोर्ट, जाति प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, शैक्षणिक प्रमाण पत्र सहित दो प्रतियों में साथ लेकर आएं। गहनोलिया ने बताया कि योजनान्तर्गत गत वर्ष 8 व्यक्तियों को 68.55 लाख रुपए का ऋण बैंकों द्वारा वितरण हो चुका है, जिनमें 21.08 लाख का मार्जिन मनी अनुदान दिया जा चुका है। इस वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2023 से 3 व्यक्तियों को 37.5 लाख रुपए का ऋण बैंकों के द्वारा वितरण हो चुका है, जिनमें 8.26 लाख रुपए का मार्जिन मनी अनुदान दिया जा चुका है।