झुंझुनू, पीरामल फाउंडेशन की तरफ से झुन्झुनू के किठाना गांव में 25 दिनों से रह रही हैं। अनामिका पोरवाल ने अंतिम पड़ाव पर आते हुए बच्चियों से मेन्सट्रुअल हाइजीन और सस्टेनेबल सेनेटरी प्रोडक्ट के महत्वपूर्ण बारे में बातचीत की। उन्होंने बच्चियों को महावारी के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें सिखाई और महत्वपूर्ण सवालों का उत्तर दिया। फेलो द्वारा गांव में ही पढ़ रहे बच्चों के घर पर महावारी से संबंधित एक सत्र का आयोजन किया। इस दौरान बच्चियों को समझाया कि सैनिटरी नेपकिन का सही इस्तेमाल कैसे करें और उन्हें मेन्सट्रुअल हाइजीन और सस्टेनेबल सेनेटरी प्रोडक्ट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सैनिटरी नेपकिन में प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में भी बताया, जो हमारे वातावरण को कैसे प्रदूषित कर रहा है और हमे इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चहिए। अपनी बातचीत के अंत में, बच्चियों को एक दूसरे से अनुसार बात करने के लिए प्रेरित किया और घर में माँ या अभिवावक से महावारी से जुड़ी समस्याओं पर बातचीत करने की महत्वपूर्णता को समझाया। साथ ही, उन्होंने पी फ़ॉर पीरियड के नारे भी लगवाने की बात की, ताकि बच्चियाँ सहजता से महावारी से जुड़ी समस्याओं को बच्चों की भाषा में समझा सकें, जिससे इससे होने वाली बीमारियों से बचा जा सके।