झुंझुनू, ज़िले के समग्र विकास में ज़िले की शिक्षा के मानकों का अहम योगदान होता है । बेहतरीन मानकों के लिए ज़िले की प्रणालीगत बदलाव , शिक्षक शिक्षा, और सर्वांगीक विकास के साथ-साथ विद्यार्थी का आयु अनुरूप शिक्षण महत्वपूर्ण है । झुझुनूँ ज़िले शिक्षा में बेहतर परिणाम और शिक्षा में नवाचारों के लिए जाना जाता है । इसी कड़ी ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान और पीरामल फाउंडेशन के ज़िले के 50 मास्टर ट्रेनर एमोरी विश्वविद्यालय के “सेंटर फॉर कोंटेंपलेटिव साइन्स एंड कंपेसन बेस्ड एथिक्क्स” द्वारा 101 शिक्षण पाठ्यक्रम से प्रमाणिकरण प्राप्त कर चुके है । अध्यापक प्रशिक्षण, शिक्षक पेशेवर विकास, शिक्षा के बदलावों और नवाचारों के लिए तैयार ये मास्टर ट्रेनर शिक्षको, अभिभावकों और विद्यार्थियों को भी तैयार करेंगे ।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य व्यक्तिगत रूप से सामाजिक भावनात्मक और नैतिक शिक्षण पाठ्यक्रम का उपयोग करने में रुचि रखने वाले शिक्षक प्रशिक्षकों के लिए एक सामान्य अभिविन्यास देना। यह प्रमाणीकरण शिक्षक को अपनी व्यक्तिगत कक्षा में सामाजिक भावनात्मक और नैतिक शिक्षण संसाधनों का उपयोग करने और पढ़ाने के लिए अधिकृत करता है। शिक्षण पाठ्यक्रम में परिचय सत्र, छात्रों को सशक्त बनाना, जागरूकता, करुणा और संलग्नता की खोज, पाठ्यक्रम को समझना, छात्रों के भीतर क्षमताओं को बढ़ावा देना, अपने अंदर क्षमताओं को बढ़ावा देना इत्यादि सत्र शामिल है ।
अध्यापक प्रशिक्षण और शिक्षक पेशेवर विकास के माध्यम से ही शिक्षा के बदलावों और नवाचारों को व्यापक स्तर पर लागू किया जा सकता है ।
- गजेंद्र सिंह, पीरामल फाउंडेशन
जहां पूरे भारत वर्ष में बुनियादी साक्षरता और अंक व्यवहार जैसे कौशल पर काम हो रहा है वही हमारे ज़िले में इन सब के अलावा समांतर रूप से 21 वीं सदी की कौशल पर भी काम किया जा रहा है, जो विद्यार्थी के सर्वागिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है ।
- अमीलाल मुण्ड, ज़िला शिक्षा अधिकारी एवम् प्राचार्य डाइट