जल जीवन मिशन में जिले में एक लाख 97 हजार परिवारों को दिए कनेक्शन, समस्याओं का हो रहा त्वरित निस्तारण,
विभिन्न परियोजनाओं के पूर्ण होने पर पेयजल आपूर्ति में आएगी और बेहतरी, केन्द्र सरकार, हरियाणा सरकार और राजस्थान सरकार के बीच पिछले दिनों हुए त्रिपक्षीय एमओयू के क्रियान्वयन से मिलेगा यमुना का पानी,
जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी द्वारा की जा रही नियमित मॉनीटरिंग
चूरू, [सुभाष प्रजापत ] चूरू जिले में आमजन को पर्याप्त एवं बेहतर गुणवत्ता का पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए समुचित प्रयास किए जा रहे हैं। जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी के निर्देशन में जलदाय गतिविधियों एवं परियोजनाओं की समुचित मॉनीटरिंग की जा रही है ताकि वर्तमान समस्याओं के निराकरण के साथ-साथ भविष्य के लिए और बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकें। जिला कलक्टर, उपखंड अधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण किया जाकर मॉनीटरिंग की जा रही है। जल जीवन मिशन अंतर्गत 1 लाख 97 हजार परिवारों को पेयजल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता रमेश राठी ने बताया कि चूरू जिले में 10 शहरी जल योजनाएं संचालित हैं तथा 873 ग्राम विभिन्न जल योजनाओं से लाभान्वित है। जिले के अधिकांश ग्राम एवं शहर सतही जल के साथ-साथ भूमिगत जल से लाभान्वित है। जिले में 1406 नलकूप संधारित हैं। ग्रीष्मकाल के दौरान पेयजल समस्या ग्रस्त ग्रामों एवं शहरों में टैंकर से पेयजल परिवहन किया जा रहा है। नलकूप बन्द होने पर 24 घण्टे में नलकूप चालू किए जा रहे हैं। विभाग के अभियन्ताओं द्वारा नियमित पेयजल आपूर्ति की जांच की जा रही है। समस्याग्रस्त क्षेत्रों को चिन्हित कर तुरन्त प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। जिले में सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक कन्ट्रोल रूम संचालित किया जा रहा है। प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया जा रहा है। जिले के समस्त खण्डों में नलकूप, हैण्डपंप, लीकेज मरम्मत हेतु आवश्यक सामग्री उपलब्ध है। नलकूप निर्माण, हैण्ड पंप निर्माण, लीकेज मरम्मत तथा नलकूप मरम्मत इत्यादि के स्वीकृत कार्य समय पर पूरे किए जाने के लिए सतत मॉनीटरिंग की जा रही है।
जेजेएम अंतर्गत परियोजना कार्य प्रगति पर
अधीक्षण अभियंता (परियोजना) राममूर्ति ने बताया कि चूरू जिले की तहसील रतनगढ़ एवं सुजानगढ़ के कुल 266 ग्रामों के जल जीवन मिशन के अन्तर्गत सतही पेयजल से लाभान्वित करने के लिए रतनगढ़-सुजानगढ़ पेयजल परियोजना अंतर्गत 58 हजार 888 घरों को घरेलू जल सम्बन्ध से लाभान्वित किया जाना है। इनमें से 176 ग्रामों में परियोजना कार्य प्रगति पर है। सभी उच्च जलाशय और भूतल जलाशय का कार्य भी प्रगति पर है। 44 हजार 712 घरों को घरेलू जल सम्बन्ध जारी किए जा चुके हैं। कार्य भौतिक रूप से लगभग 76 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। कार्य की समुचित मॉनीटरिंग की जा रही है एवं कार्य में देरी पर संवेदक से 6.56 करोड़ रुपए की शास्ति वसूल की जा चुकी है।
पेयजल की मात्रा बढ़ाने के लिए सरदारशहर से रतनगढ़ तक 1250 एमएम व्यास की एमएस पाईप लाईन, सरदारशहर में भूतल जलाशय एवं पम्प हाउस के निर्माण का कार्य फतेहपुर-लक्ष्मणगढ़ पेयजल परियोजना के अन्तर्गत स्वीकृत किया गया है, जो कि वर्तमान में प्रगति पर है। इसका 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस परियोजना के पूर्ण होने के पश्चात रतनगढ़, सुजानगढ़ तहसील के सभी ग्रामों एवं कस्बों को दैनिक पेयजल मांग के अनुसार पेयजल उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित हो सकेगा।
बूंंगी-राजगढ़ पेयजल परियोजना का मिलेगा लाभ
आईजीएनपी पर आधारित आपणी योजना द्वितीय चरण के अंतर्गत बूंगी-राजगढ़ परियोजना के तहत कुल 187 ग्रामों (तहसील राजगढ़ जिला चूरू के 174 ग्राम एवं झुंझुनूं जिले के 13 ग्राम) एवं उनकी ढ़ाणियों को जल जीवन मिशन के तहत घर-घर जल सम्बन्ध से लाभान्वित किया जाना है। परियोजना अंतर्गत विभिन्न साईज की डीआई पाईप 113.51 किलोमीटर के विरूद्ध 109.355 किलोमीटर की आपूर्ति की जा चुकी है एवं 99.335 किलोमीटर लाईन डाली जा चुकी है। विभिन्न साईज की एचडीपीई पाईप 1112.53 किलोमीटर के विरूद्ध 1092.79 किलोमीटर की आपूर्ति की जा चुकी है एवं 1053.558 किलोमीटर लाईन डाली जा चुकी है। 104 ग्रामों में पाईपलाइन डालने का कार्य करवाया जा रहा है। 11 ग्रामों में कार्य पूर्ण किया जा चुका है। सभी 19 उच्च जलाशय की एसबीसी हो चुकी है एवं 17 उच्च जलाशय की स्ट्रक्चर डिजाईन का अनुमोदन किया जा चुका है। इनमें से 15 (नूहंद, घनाऊ, रतनपुरा, महलाना, मानपुरा, हमीरवास, ठिमाऊ, मिठड़ी, लंबोर, सुलखनिया, भोजाण, मालाना बास, भामासी, ग्वालीसर, गोठ्यां बड़ी) का कार्य प्रगति पर है। इनमें से 3 उच्च जलाशयों का कार्य लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। वाटर ट्रीटमेन्ट प्लाण्ट (क्षमता 07 एमएलडी) की एसबीसी हो चुकी है एवं जीए ड्राइंग व स्ट्रक्चरल ड्राइंग का अनुमोदन किया जा चुका है। स्ट्रक्चर का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। पाईपिंग अरेंजमेंट ड्राइंग का अनुमोदन प्रक्रियाधीन है। रॉ-वाटर रिजर्वायर के लिए खनन का कार्य पूर्ण कर लिया गया हैं। कुल 36589 एफएचटीसी के विरूद्ध अब तक 21873 एफएचटीसी जारी किये जा चुके हैं। परियोजना में अब तक 75.88 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं जो कुल राशि का 65.57 प्रतिशत है। कार्य में देरी के लिए संवेदक के विरूद्ध 4.23 करोड़ की शास्ति भी विभाग द्वारा लगाई जा चुकी है। कार्य पूर्ण करने की तिथि 30 जून 2024 तक बढाई गई है।
सिधमुख क्षेत्र के 26 गांवों के पुर्नगठन की परियोजना
भाखरा-नांगल योजना बिरानी हैड पर आधारित जिला चूरू जिले के सिधमुख तहसील ब्लॉक राजगढ़ के 26 में पेयजल समस्या के दीर्घकालीन समाधान हेतु सरकार द्वारा वृहद पेयजल योजना अंतर्गत लगभग 74168 आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा। विभिन्न साईज की डीआई पाईप 89.135 किलोमीटर के विरूद्ध 14 किलोमीटर की आपूर्ति की जा चुकी है। विभिन्न साईज की एचडीपीई पाईप 229.894 किलोमीटर के विरूद्ध 229.894 किलोमीटर की आपूर्ति की जा चुकी है। 71 किलोमीटर लाईन डाली जा चुकी है। 10 ग्रामों में पाईप लाइन डालने का कार्य करवाया जा रहा है। सभी 7 उच्च जलाशयों की एसबीसी हो चुकी है एवं स्ट्रक्चर डिजाईन का अनुमोदन किया जा चुका हैै। इनमें से 04 (ढाणी बड़ी, ढिगारला, न्यांगल, गालड़) का कार्य प्रगति पर है। वाटर ट्रीटमेंट प्लान का ले-आउट प्लान अप्रूवल हो चुका है व स्ट्रक्चरल ड्राइंंग का अनुमोदन प्रक्रियाधीन है। रॉ-वाटर रिजर्वायर की एसबीसी हो चुकी है एवं ले आउट प्लान अप्रूवल हो चुका है। कार्य प्रगति पर है। कार्य 6 अक्टूबर 2024 तक पूर्ण किया जाना है।
चूरू जिले के 389 गांवों को मिलेगा लाभ
आईजीएनपी पर आधारिता आपणी योजना फेज-प्रथम, चूरू-बिसाऊ परियोजना एवं सरदारशहर के 60 गांवों की पुर्नगठन की परियोजना में चूरू जिले के चूरू, सरदारशहर एवं तारानगर क्षेत्रों के 389 गांव शामिल किए गए हैं।
योजना के अंतर्गत पार्ट 1 (धन्नासर फीडर) एवं पार्ट 2 (कर्मसाना फीडर) में विभिन्न कार्य किए जाने है, जिनकी निविदा का तकनीकी परीक्षण किया जा रहा है। पार्ट 3 (तारानगर-पाण्डुसर ) एवं पार्ट 4 (चूरू-बिसाऊ) की निविदाएं खोली जा चुकी हैं।
यमुना के पानी से बुझेगी प्यास
केन्द्र सरकार, हरियाणा सरकार और राजस्थान सरकार के बीच पिछले दिनों हुए त्रिपक्षीय एमओयू के तहत ताजेवाला हेड वक्र्स की संयुक्त डीपीआर पर सहमति बनी है। इस योजना के मूर्त रूप लेने के बाद राजस्थान को ताजेवाला हेड-वक्र्स से यमुना नदी का पानी मिल सकेगा और बारिश में व्यर्थ बह जाने वाले जल का भी समुचित उपयोग हो सकेगा। प्रोजेक्ट में चार भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जाएंगी, जिनमें से तीन पाइपलाइन के माध्यम से यमुना नदी का पानी राज्य के तीन जिलों सीकर, चूरू और झुंझुनू को उपलब्ध कराया जायेगा। काफी समय से लंबित इस परियोजना के धरातल पर उतरने के बाद शेखावाटी क्षेत्र के तीन जिलों सीकर, चूरू और झुंझुनू की पेयजल समस्या का समाधान हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि यमुना जल पर मई 1994 में संपादित समझौते के अनुसरण में राजस्थान को हरियाणा स्थित ताजेवाला हेड पर मानसून के दौरान 1917 क्यूसेक जल आवंटित है। वर्तमान में ताजेवाला हेड से राजस्थान को जल लाने हेतु कैरियर सिस्टम उपलब्ध नहीं है। ताजेवाला हेड पर आवंटित जल के राजस्थान में पेयजल उपयोग हेतु प्रथम चरण की संयुक्त रूप से डीपीआर बनाने हेतु एमओयू हुआ है। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत सिधमुख के पास पेयजल भंडारण किया जाएगा। पेयजल के साथ सिंचाई का क्षेत्र भी इससे बढेगा, ऎसी उम्मीद है।