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लोसल में गणगौर माता की हल्दी व मेहंदी की रस्म मनाई

संगीत कार्यक्रम में जमकर किया नृत्य

लोसल, [ओमप्रकाश सैनी] कस्बे में गणगौर का उत्सव बड़े ही धूमधाम और हर्सोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सुबह और शाम युवतियां और नव विवाहित महिलाएं बगीचों में जाकर गणगौर माता को पानी पिलाती हुई दिखाई दे रही है। साथ ही बगीचों से माता की पूजा-अर्चना के लिए दूर्वा व पुष्प लाती है। घर-घर में युवतियां और महिलाएं गणगौर ‌माता के बान-बिंदौरे निकाल रही है। दाधिच नगर में गणगौर पूजने वाली युवतियों और महिलाओं ने गणगौर माता की हल्दी और मेहंदी की रस्म की। इस दौरान गणगौर माता को रिझाने के लिए गणगौर व राजस्थानी संस्कृति से जुड़े लोकगीत गाए और संगीत कार्यक्रम में खूब नृत्य भी किया। गणगौर पूजने वाली गिरिजा शर्मा, आरजू दाधीच आदि ने बताया कि वर्तमान समय में पाश्चात्य संस्कृति के चलते राजस्थानी संस्कृति से जुड़े हुए त्यौहार लुप्त होते जा रहे हैं। लेकिन उनके समूह की ओर से पूरी तरह से राजस्थानी संस्कृति से जुड़ाव रखकर ईश्वर-गणगौर की पूजा अर्चना कर रही हैं, 31 मार्च को धूणीदास बगीची गणगौर मेला स्थल पर गणगौर का मेला भी भरा जाएगा। गणगौर के दिन दोपहर को ईश्वर गणगौर की सवारी श्री सेवा समिति कार्यालय से शुरू होगी जो बंध्या कुआं चौक होते हुए मेला स्थल धूणीदास की बगीची पहुंचेगी, मेला स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ कई खेलकर-कूद प्रतियोगिताएं भी आयोजित होगी और विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।

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