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खाटूश्यामजी फाल्गुन लक्खी मेला : रींगस रोड से ही डीजे पर बैन रहेगा, निशान की ऊंचाई 8 फीट निर्धारित

खाटूश्यामजी फाल्गुन लक्खी मेला 28 फरवरी से 11 मार्च तक आयोजित होगा

सीकर, बाबा खाटूश्याम का फाल्गुन लक्खी मेला 28 फरवरी से शुरू हो रहा है। फाल्गुन लक्खी मेला 28 फरवरी से 11 मार्च 2025 तक आयोजित होगा। जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने कहा कि बाबा श्याम के लक्खी मेले में आने वाले श्याम भक्तों को सुगमतापूर्वक दर्शन हो, इसके लिए सम्पूर्ण व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। जिला कलेक्टर ने नववर्ष पर हुई अपार भीड़ को मद्देनजर रखते हुए तथा गत मेले में रही खामियां दूर करके सुचारू व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए।

जिला कलेक्टर शर्मा ने बताया कि मेले में इस बार दर्शन व्यवस्था से लेकर ट्रैफिक रूट के संबंध में कई बदलाव किए गए हैं। वहीं इस बार सरकारी प्रोटोकॉल वाले वीआईपी लोगों को छोड़कर सभी के लिए वीआईपी दर्शन व्यवस्था पूर्णतया बंद रहेगी। खाटू पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने के लिए इस बार क्यूआर कोड जारी किया जाएगा। श्रद्धालु यह क्यूआर कोड स्कैन कर मंदिर परिसर तक आसानी से पहुंच सकेंगे और सुगमता से बाबा श्याम के दीदार कर सकेंगे।

ये व्यवस्था रहेगी :

जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने बताया कि सीकर-रींगस रोड पर मंडा मोड के आस-पास छोटे वाहनों के लिए बड़ी पार्किंग व्यवस्था विकसित की जाएगी। यहां से श्रद्धालुओं को बसों द्वारा 52 बीघा पार्किंग तक ले जाया जाएगा। जहां से मंदिर में दर्शन करने के लिए सभी श्रृद्धालु पैदल ही जाएंगे। 52 बीघा पार्किंग का इस्तेमाल सिर्फ मिनी बसों की पार्किंग के लिए ही किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य वाहन यहां पर नहीं आएंगे। भंडारा लगाने का समय तय किया जाएगा। ई-रिक्शा चालकों के लिए अलग-अलग जोन बनाए जाएंगे और उनके पास जारी किये जायेंगे तथा बिना पास वाले ई-रिक्शा को तत्काल सीज करने की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि मंडा मोड एवं रींगस के खाटू मोड़ से मंदिर तक छोटे वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा और भंडारा अनुमति के समय एक निर्धारित शुल्क लिया जाएगा, जिसका उपयोग मेला खत्म होने के बाद सफाई कार्य सहित अन्य कार्य करवाने के लिए किया जाएगा। निशान की ऊंचाई 8 फीट निर्धारित की गई है। इससे अधिक ऊंचाई वाले निशान लेकर आने वाले श्याम भक्तों को मेला परिसर में एंट्री किसी भी सुरत में नहीं दी जाएगी।
खाटूश्यामजी क्षेत्र में 8 फीट से अधिक ऊंचाई वाले निशान बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। कांटो वाले गुलाब के फूल, छोटी कांच की इत्र की शीशियां बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। मेले की सीसीटीवी से प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए चार सेंटर स्थापित होंगे। मंदिर परिसर, मेला मजिस्ट्रेट, कंट्रोल रूम खाटू और कंट्रोल रूम सीकर में स्थापित होंगे। कंट्रोल रूम सीकर से कलक्टर-एसपी सीधे तौर पर मॉनिटरिंग कर पाएंगे। धारा-144 के तहत रींगस रोड से ही डीजे पर बैन रहेगा। साथ ही शराब पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

धर्मशाला में 50 से अधिक कमरे होने पर 15% कमरे एवं होटल व गेस्ट हाउस में 5% कमरे प्रशासन के लिए आरक्षित किए जाएंगे। सभी सेक्टर में मेडिकल की मोबाइल यूनिट्स स्थापित रहेगी। अग्निशमन एवं एंबुलेंस के लिए इमरजेंसी रास्ते की व्यवस्था की जाएगी तथा पूर्व की तरह इस बार भी 14 लाइनों से ही श्रृदालुओं को दर्शन करवाया जायेगा। मंदिर कमेटी अपने सोशल मीडिया पेज व वेबसाइट पर दर्शनों का समय व अन्य जानकारियां शेयर करेगी। कंट्रोल रूम खाटू थाने में ही बनाया जाएगा।

मेले से पूर्व सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट को चिकित्सा एवं मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में सीपीआर ट्रेंनिंग सहित मूलभूत चिकित्सा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान आवारा पशुओं को गौशाला में रखने, रींगस से खाटू तक कारपेट बिछाने के निर्देश दिए गए।

इस दौरान जिला परिषद सीकर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजपाल यादव, अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह जोधा, नीमकाथाना के अतिरिक्त जिला कलेक्टर भागीरथ शाख, रींगस एसडीएम बृजेश गुप्ता, दांतारामगढ़ एसडीएम मोनिका सामोर सहित संबंधित विभागों के जिला एवं उपखंड स्तरीय अधिकारी, मंदिर कमेटी एवं व्यापार संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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