सूरजगढ़ [के के गाँधी] महिलाओं ने बच्चों को शीतला माता की धोक लगाकर उनके स्वस्थ रहने की कामना की। मां शीतला अपने भक्तों को रोगों से मुक्ति दिलाती है। होली के सात दिन बाद बास्योड़ा मनाया जाता है जिसमें मां शीतला की पूजा की जाती है। शीतला की पूजा में रात को बनाए गए ठंडे पकवानों का भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया जाता है। दिन महिलाएं सुबह सवेरे जल्दी उठकर ठंडे पानी से नहाकर बच्चों को तैयार कर मां शीतला की पूजा करती है और मां के गीत गाती है सभी को हल्दी का टीका लगाया जाता है और प्रसाद वितरित की जाती है। आज गुरूवार को सुबह से ही शीतला माता मंदिरों में श्रद्धालओं की भीड़ लगी रही। मान्यता है कि इस दिन के बाद से ठंडा भोजन ग्रहण करने का समय शुरू हो जाता है। कासनी गांव में मां शीतला के मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें क्षेत्र से पधारे श्रद्धालु मां शीतला को धोक लगाकर अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते है।