सीकर, आगामी होने वाले विधानसभा चुनावों में कोई प्रत्याशी अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों पर पर्दा नहीं डाल पाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए चुनाव आयोग ने गंभीरता दिखाते हुए इस संबंध में गाईडलाइन जारी कर दी है। अब हर प्रत्याशी को अपने खिलाफ दर्ज ऎसे मामलों की जानकारी 3-3 बार प्रदेश के बड़े अखबारों और न्यूज चैनलों में जारी करनी होगी। इसके साथ ही मीडिया जगत को भी पेड न्यूज से बचना होगा। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में चुनाव व पेड न्यूज को लेकर हुई बैठक में मीडिया कर्मियों से प्रशासन की वार्ता हुई और मतदान को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने में सहयोग की अपील की। जिला कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी नरेश कुमार ठकराल के अनुसार मीडिया कर्मियों को बताया गया कि प्रत्याशी को नाम वापस लेने की आखिरी तारीख से लेकर मतदान की तारीख के बीच अलग-अलग दिनोें में तीन बार प्रदेश के प्रमुख अखबारों और समाचार चैनलों में विज्ञापन जारी कर अपने खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। बैठक में बताया कि साथ ही प्रत्याशी को नामांकन फॉर्म में अपनी चल-अचल सम्पति और शैक्षणिक योग्यता के बारे में भी बताना होगा। चुनाव आयोग ने इन बातों को ध्यान में रखते हुए नामांकन पत्र के फॉर्म-26 में बदलाव कर दिए हैं। बैठक में बताया गया कि विधानसभा चुनाव के परिणामों में विजयी प्रत्याशियों को परिणाम जारी होने के 30 दिन के अंदर यह प्रमाण चुनाव आयोग के समक्ष पेश करना होगा कि उन्होंने किन-किन अखबारों और न्यूज चैनलों में अपने अपराधिक मामलों की जानकारी सार्वजनिक की थी। राजनैतिक का अपराधिकरण रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह फैसला लिया गया और चुनाव आयोग की गाईडलाइन जारी की गई, जिसमें हर प्रत्याशी के लिए अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों को सार्वजनिक करने संबंधी निर्देशों का पालन अनिवार्य किया गया। जिला कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ठकराल ने चुनावाें को लेकर लगातार हो रही बैठकों के बारे में मीडिया, पार्टियों, जनप्रतिनिधि आदि को बताया गया। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए यह अनिवार्य प्रक्रिया है यदि कोई प्रत्याशी किसी दल विशेष से चुनाव लड़ता है तो उसे अपनी पार्टी को भी इस बारे में जानकारी देनी होगी। यह राजनीतिक पार्टियों को भी अपनी वेबसाईट पर अभ्यार्थियों के संबंध में यह जानकारी अपलोड करनी होगी।
-खर्च प्रत्याशी के खाते में जुडे़गाः-मंगलवार को हुई बैठक में बताया कि आपराधिक मामलों की जानकारी सार्वजनिक करने का जो भी व्यय होगा, उसे प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा। प्रत्याशी को कम से कम 3 बार निर्धारित फ्रंट साईज (जो कि 12 तय किया गया हैं) में अपने आपराधिक ब्यौरा का प्रकाशन समाचार पत्र और टीवी चैनलों में कराना होगा। सबसे खास अपराध का क्रम ऑर्डर में होगा यानी हाल ही में दर्ज हुए अपराध या प्रकरण पहले नंबर पर रहेंगे।
-तीन अलग फॉर्मेट में देना होगा ब्यौरा ः- राजनीतिक दल ओर उनके प्रत्याशियों को अपने आपराधिक रिकार्ड 3 अलग-अलग फार्मेट में उपलब्ध कराने होंगे। पहला फार्मेंट सी-1 हैं, जिसके तहत यह रिकॉर्ड समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में प्रसारित कराना होगा। इसी तरह फॉर्मेट सी-2 राजनैतिक दलों के लिए है। इसमें दलों को अपने प्रत्याशियों की जानकारी अपनी वेबसाईट,समाचार पत्र और टीवी में सार्वजनिक करनी होगी। इसके अलावा रिटर्निंग अधिकारी आपराधिक मामलों के बारे में घोषणा प्रकाशित कर दिए जाने वाले इन दिशा-निर्देशों के बारे में लिखित जानकारी भी देंगे, जिसे फॉर्मेट सी-3 कहा जाएगा।