मांगदेय संसोधन एव विभिन्न मांगो
चूरू (दीपक सैनी) संविदा कर्मचारी (NHM) अपनी मांगों के लिए लम्बे समय से संघर्षरत है राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत पब्लिक हेल्थ मैनेजर, अकाउंटेंट कम डीइओ व एक्जिक्यूटिव असिस्टेंट कम डीइओ संविदा पर पूर्ण निष्ठा के साथ अपनी सेवाएं दे रहे है जिनकी नियुक्ति उक्त पद हेतु पूर्णतः सरकारी प्रक्रिया के अनुसार आवश्यक योग्यता व परीक्षा में सफलता के आधार पर की गई थी। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर समस्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय कार्यक्रमों,सेवाओं व समस्त सॉफ्टवेयर सहित अनेक आवश्यक कार्यों के प्रबंधन, पर्यवेक्षण, रिपोर्ट व लाइनलिस्टिंग के कार्य का सम्पूर्ण सम्पादन हमारे द्वारा 8000 से 10000 रु प्रतिमाह के अल्प व असम्मानजनक मानदेय में पूर्ण निष्ठा के साथ किया जाता रहा है। समस्त कार्यों का सम्पादन निष्ठापूर्वक किए जाने के उपरान्त भी सभी आयु वर्ग नर्सिंगकर्मियों के मानदेय रेशनलाइजेशन के समय प्रबंधकीय कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर पूर्णतः अनदेखा किया गया है जबकि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हमारी भूमिका अति महत्वपूर्ण है। इस उपेक्षा से एनएचएम प्रबंधकीय कर्मचारियों को बहुत ठेस पहुंची है। हमारी नियमितीकरण व समस्याओं के निराकरण हेतु कमेटी बनाई गई थी जो सिर्फ कागजी कार्यवाहियों में उलझ कर ठप हो चुकी है। नियमितिकरण तो दूर की बात है हमारे मानदेय के संशोधन के बारे में विचार तक नहीं किया गया है। हमारे द्वारा इस पत्र के माध्यम से आंदोलन प्रारंभ करने की चेतावनी दी और कहा कि हमारी मांगों से सरकार व प्रशासन को अवगत करवाया गया है हमारी मुख्य मांगे हैं जिस प्रकार आयुष व नर्सिंग कर्मियों की कमेटी बनाकर उनके मानदेय संशोधन करने को।
एन एच एम प्रबंधकीय सविदाकर्गियों का के माध्यम से मानदेय संशोधित करवाया जावे। हमारे नियमितिकरण की प्रक्रिया को कागजों में बन्द न करते हुए रित गति से चलाया जावे व जब तक हमारी नियमितिकरण की प्रक्रिया चलती है तब तक हमारे वर्तमान अल्प मानदेय, महंगाई तथा शैक्षणिक योग्यता, अनुभव व विभागीय OR के कार्यों को ध्यान में रखते हुए मानदेय संशोधित कर हमें सम्मानजनक मानदेय प्रदान किया जावे हमारे द्वारा सोशल मीडिया फेसबुक/ ट्विटर, समाचार – पत्र, ज्ञापन देकर व काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन, स्लोगन व अन्य गतिविधियां लगातार की जाती रही हैं। हमने जिला कलेक्टर व सीएमएचओ को ज्ञापन देकर अपनी समस्या से अवगत करवाया था हर परिस्थिति के साथ ही कोरोना वैश्विक महामारी में भी हम अपने व अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर अपनी मांगों को छोड़कर निष्ठापूर्वक कार्य कर रहे हैं। इसके उपरान्त भी हमें अनदेखा किया जा रहा है। अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान एनयूएचएम प्रबंधकीय कर्मचारियों ने अल्प मानदेय में शोषण का शिकार होते हुए लगातार अपनी सेवाएं पूर्ण निष्ठा के साथ दी है जिसे कोई महत्व नहीं दिया गया है इसलिए अब हमारी मांगों को पूर्ण किया जाए जिससे हम आर्थिक व मानसिक रूप से मजबूत होकर विभागीय सेवाएं आमजन को प्रदान कर सकें। हमें पूर्व की तरह आश्वासन नहीं अपना हक चाहिए। हमारी मांग पूरी न होने की स्थिति में विवश होकर 25 अगस्त से समस्त एनएच प्रबंधकीय कर्मचारी अपने शोषण के विरुद्ध कदम उठाते हुए अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर जाने का कदम उठाएंगे।