झुंझुनू, राष्ट्रीय साहित्यिक व सामाजिक संस्थान आदर्श समाज समिति इंडिया के कार्यालय सूरजगढ़ में शिवना प्रकाशन सीहोर मध्य प्रदेश द्वारा प्रकाशित प्रसिद्ध साहित्यकार रेखा भाटिया की दिल को छूने वाली पुस्तक “सरहदों के पार दरख्तों के साये में” का अवलोकन संस्थान के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी, सुनील गाँधी व अन्य बुद्धिजीवियों द्वारा किया गया। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी ने बताया कि संगीत व प्रकृति प्रेमी साहित्यकार रेखा भाटिया अमेरिका के शार्लेट शहर में रहकर शिक्षा, संगीत, विश्व शांति और साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रही हैं। रेखा भाटिया द्वारा लिखित पुस्तक के शीर्षक “सरहदों के पार दरख़्तों के साये में” से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश और मानव जाति के प्रति उनके दिल में कितना गहरा प्रेम है। पुस्तक का शीर्षक जितना आकर्षक है, पुस्तक में लिखी हुई रचनाएं उससे भी ज्यादा लाजवाब हैं।
प्रेम और देशप्रेम के अहसास को गहरे अर्थों में उतार पाना सहज और सरल नहीं है। रेखा भाटिया के पास गहरी अनुभूतियां हैं और शब्दों का सरल प्रवाह है, जिससे वे अपनी कविता को व्यापक अर्थ तक ले जाती हैं। रेखा भाटिया ने अपनी कविताओं में जहां प्रेम, अध्यात्म, देशभक्ति, आतंकवाद, महिला सशक्तिकरण, बेरोजगारी और राजनीतिक मुद्दों को बेहद संवेदनशीलता के साथ अभिव्यक्त किया है, वहीं आम आदमी की पीड़ा को बड़ी सहजता के साथ शब्द देने में वे सफल रहीं हैं। इस काव्य संग्रह की कविताओं में उनकी लंबी संघर्ष यात्रा का अहम योगदान है। क्या रोक पाओगे यह खेल, हवाओं का रुख, मेरी भारत माता, मां मैं हूं तेरा, चलो गांव लौट चलें, मन खिल जाने दो, एक भारत यहां भी है बसा, मेरे अश्रु नहीं बेमोल, हठधर्मिता, इंसान खिलाफ इंसान के, मेरा मन समुन्दर बना, प्रकृति से छुपा लूं बसंत बहार, अदा बदलती है जीवन की, कशिश तेरे मेरे बीच, मां की दुनिया, वक्त का सबक, बड़ी खिड़कियां और एक शहर, तेरे आंचल के साये में आदि रचनाओं को पढ़कर मन भाव विभोर हो गया।
इस खूबसूरत पुस्तक की सफलता में प्रसिद्ध साहित्यकार और संपादक डॉ. सुधा ओम ढींगरा का भी विशेष योगदान रहा है। अभी हाल ही में साहित्यकार रेखा भाटिया की दूसरी पुस्तक “मन की नदी से भीगे शब्द” का भी विमोचन हुआ है। आदर्श समाज समिति इंडिया द्वारा 2023 में साहित्य का राष्ट्रीय पुरस्कार “गाँधी सेवा रत्न अवॉर्ड” साहित्यकार रेखा भाटिया को देने पर विचार किया जा रहा है। इसी संदर्भ में उनकी रचनाओं व पुस्तकों का अवलोकन किया जा रहा है।