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उद्योगों के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिहाज से मजबूत है चूरू

जिला परिषद सभागार में हुए इन्वेस्ट समिट चूरू में 444.93 करोड़ के 59 एमओयू

चूरू, राज्य सरकार की खास पहल पर मंगलवार को जिला परिषद सभागार में आयोजित इन्वेस्ट समिट चूरू में जिले में औद्योगिक निवेश की संभावनाओं पर मंथन किया गया। इस वर्चुअल समिट में जिले में 444.93 करोड़ के 59 एमओयू तथा 1195.4 करोड़ के 78 एलओआई किए गए। समिट को वर्चुअली संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सपना है कि राज्य में तीव्र औद्योगिक विकास हो तथा प्रत्येक जिले में अधिक से अधिक निवेश आए, इस दृष्टि से प्रत्येक जिले में निवेश समिट आयोजित की जा रही हैं। राजस्थान सरकार ने निवेश एवं उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उल्लेखनीय कदम उठाए हैं।

राज्य के परिवहन मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला ने इन्वेस्ट समिट में किए गए एमओयू पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इससे जिले में लोगों को रोजगार मिलेगा और जिला औद्योगिक दृष्टि से मजबूत बनेगा। उन्होंने कहा कि जिले में ऎसे उद्यमों को प्रोत्साहन देना चाहिए जो यहां की पारिस्थितिकी के अनुकूल हों। राज्य सरकार चाहती है कि यहां उद्यमियों को प्रत्येक तरह की सुविधा मिले और किसी प्रकार की परेशानी का सामना उन्हें यहां निवेश करने में नहीं करना पड़े। ओला ने कहा कि चूरू जिले में पर्यटन उद्योग की अपार संभावनाएं हैं।

चूरू में झींगा पालन की दृष्टि से अत्यंत संभावनाएं

समिट को संबोधित करते हुए सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि रेल्वे और हाईवे‘ज की शानदार कनेक्टिविटी के साथ चूरू जिला उद्योगों के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लिहाज से काफी मजबूत है और इस दिशा में सतत काम किया जा रहा है। उन्होंने निवेश समिट जैसी पहल की सराहना करते हुए कहा कि चूरू में झींगा पालन की दृष्टि से अत्यंत संभावनाएं हैं। सरकार को इस दिशा में प्रयास करने चाहिए कि झींगापालकों को सपोर्ट मिले। उन्होंने कहा कि उद्योगों के विकास के लिए स्किल डवलपमेंट काफी जरूरी है। इसके लिए यहां उच्च गुणवत्ता के स्किल डवलपमेंट सेंटर होने चाहिए ताकि स्किल्ड लेबर का बाहर से नहीं बुलानी पड़े।

उद्यमियों की समस्याओं का हो रहा त्वरित निस्तारण

जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा ने किए गए एमओयू और एलओआई की जानकारी देते हुए सभी निवेशकों का आभार जताया और कहा कि जिला प्रशासन की ओर से उद्यमियों को अधिकतम सहूलियत देने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के प्रयास किए जा रहे हैं और यह कोशिश रहती है कि उद्यमियों को सरकार की योजनाओं का बेहतरीन ढंग से लाभ मिले। उन्होंने कहा कि जिले के लसेड़ी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित की गई है।

जिले में स्थापित हों ज्यादा से ज्यादा उद्योग

सभापति पायल सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि चूरू जिले में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित हो और इस दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने विभिन्न औद्योगिक गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि चूरू जिले में उद्यम विकास की अनंत संभावनाएं हैं, उन पर मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने आश्वस्त किया कि औद्योगिक विकास की दिशा में जहां भी जरूरत होगी, नगर परिषद सहयोग के लिए सदैव तत्पर है।

जिला प्रमुख वंदना आर्य ने कहा कि चूरू के उद्यमियों ने दुनियाभर में अपनी क्षमता से डंका बजाया है और यहां की परिस्थितियों में भी अनेक उद्योगों की संभावनाएं हैं। निश्चित रूप से ऎसे आयोजनों से औद्योगिक गतिविधियों को बल मिलेगा और औद्योगिक विकास में चूरू आने वाले समय में नई ऊंचाइयों को छूएगा।

औद्योगिक क्षेत्र में बदलाव के वाहक बनेंगे नए उद्योग

उद्योग महाप्रबंधक नानूराम गहनोलिया ने आयोजकीय रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि बीदासर में शुरू हो रहा आयरन फाउंडरी, सांडवा में प्रस्तावित नैपियर घास से सीएनजी बनाने के प्रोजेक्ट तथा सोलर पावर प्लांट क्षेत्र के औद्योगिक परिदृश्य में बदलाव के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। रीको के क्षेत्रीय प्रबंधक एसके गुप्ता ने आभार जताया। उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक पीएन शर्मा ने पीपीपी के जरिए जिले की औद्योगिक क्षमताओं व संभावनाओं को दर्शाया। संचालन बजरंग हर्षवाल ने किया। सौगात फार्मर प्राइवेट लिमिटेड के दीपक धनखड़ ने बताया कि नैपियर घास कम और अधिक पानी, दोनों परिस्थितियों में हो सकती है और इससे सीएनजी गैस के उत्पादन का प्रोजेक्ट प्रस्तावित है, जिससे जिले के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी तथा आर्गेनिक खेती को बल मिलेगा, साथ ही सीएनजी गैस का उपयोग पर्यावरण प्रदूषण को कम करेगा।

बड़ी संख्या में उद्यमी रहे मौजूद

इस दौरान पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस, पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल, खादी बोर्ड सचिव मूलचंद, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ धनपत सिंह चौधरी, डिस्कॉम एसई एमएम सिंघवी, एसीएमएचओ डॉ बीएल सर्वा, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, योगेश अग्रवाल, डॉ महेश शर्मा, डॉ अभिषेक आर्य, जीतमल सहित अधिकारी, जनप्रतिनिधि, उद्यमी एवं एमओयू व एलओआई करने वाले निवेशक तथा उनके प्रतिनिधि, उद्योग विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। उद्योग महाप्रबंधक नानूराम गहनोलिया ने बताया कि समिट में किए गए 444.93 करोड़ के 59 एमओयू से 2889 लोगों को रोजगार मिलेगा तथा 1195.4 करोड़ के 78 एलओआई से 4254 लोगों को रोजगार मिलना प्रस्तावित है।

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