झुंझुनू[अतुल अग्रवाल ] संकल्प से सिद्धि ना तो कोई कार्यक्रम है, ना कोई अभियान और ना ही कोई योजना। यह केवल और केवल एक विचार है। जिसे हर एक भारतीय में पैदा करना है और राष्ट्र भावना को पैदा करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही है। ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देखा गया नव भारत का निर्माण साकार हो सके। यह कहना है संकल्प से सिद्धि के प्रदेश संयोजक डॉ. लोकेश चतुर्वेदी का। डॉ. चतुर्वेदी शनिवार को झुंझुनूं के दौरे पर रहे। उन्होंने गुढ़ागौडज़ी और झुंझुनूं में कार्यकताओं को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम सामाजिक सरोकारों को निभाकर नव भारत का निर्माण कर सकते है। साथ ही हमें इन सरोकारों को निभाने के लिए संकल्प लेना होगा। ताकि इसकी सिद्धि भी हो सके। इससे पहले डॉ. चतुर्वेदी का स्वागत किया गया। मंच पर जयपुर संभाग प्रभारी प्रदीप खेतान, जोधपुर संभाग प्रभारी डॉ. मनीष धनखड़, बीकानेर संभाग प्रभारी संजय अग्रवाल, जयपुर जिला संयोजक अरूण जोशी, भाजपा नेता विश्वंभर पूनियां, सभापति सुदेश अहलावत, जिला संयोजक तन्मय अहलावत व भाजपा शहर अध्यक्ष गणेश तिवाड़ी मौजूद थे। वहीं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष असगर पहाडिय़ान, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राकेश सहल आदि ने भी विचार रखे। इस मौके पर जिला संयोजक तन्मय अहलावत ने बताया कि संकल्प से सिद्धि की जिला कार्यकारिणी और सभी विधानसभाओं में कार्यकारिणियों का गठन किया जा चुका है। अब हर बूथ पर कार्यकारिणी गठित कर कार्यकर्ताओं की टीम खड़ी करने का काम हाथ में लिया गया है। जिसे भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इस मौके पर भाजपा मीडिया प्रमुख पुरुषोत्तम खाजपुरिया, पार्षद कुलदीप पूनियां, चिड़ावा भाजपा अध्यक्ष अनूप भगेरिया, कुलोद कलां भाजपा अध्यक्ष सतीश खीचड़, सूरजगढ़ भाजपा अध्यक्ष संतोष चौहान, महामंत्री संतोष कुमावत, युवा मोर्चा सूरजगढ़ अध्यक्ष संदीप शर्मा, भाजपा जिला मंत्री अरूणा सिहाग, भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष सुभाष डांवर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय जांगिड़, जिला युवा बोर्ड के सदस्य तुफैल पठान, संकल्प से सिद्धि के सूरजगढ़ संयोजक प्रहलाद सैनी, सांसद पीआरओ अजय लुणायच, पूर्व पार्षद जाकिर चौहान, भाजपा शहर महामंत्री पंकज टेलर, पंकज बावलिया, कुलोद सरपंच अर्जुनसिंह, पातुसरी सरपंच अजयकुमार, जिला सह संयोजक नवल स्वामी, पार्षद प्रतिनिधि सुरेंद्र बंशीवाल, बहादुर सीतसर, जिला प्रतिनिधि प्रवीण बसेरा किढवाना आदि मौजूद थे।