जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा है कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण – 2018 कार्यक्रम के दौरान जिले में स्वच्छता के विभिन्न मापदंडों का सर्वेक्षण, स्वच्छता के प्रति समुदाय की समझ एवं बेहत्तर स्वच्छता के आंकड़ों के आधार पर रैंकिंग की जायेगी। अतः अधिकारी सामुहिक प्रयासों से स्वच्छता के प्रत्येक घटक की महत्ता को अंगीकार कर कार्य करें ताकि चूरू जिला प्रथम स्थान हासिल कर सके। जिला कलक्टर गुरुवार को जिला परिषद सभाकक्ष में स्वच्छ भारत मिशन के तहत आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण – 2018 जिला स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान के दौरान ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए स्वच्छता के प्रत्येक घटक पर शत-प्रतिशत खरा उतरने के प्रयास करें ताकि चूरू जिला स्वच्छता कार्यक्रम में अग्रणी जिला बन सके। उन्होंने कहा कि ओडीएफ के क्षेत्र में चूरू जिले ने बेहत्तर कार्य कर देश में एक मिशाल कायम की है, उसी तरह स्वच्छता के क्षेत्र में भी सर्वोच्च स्थान हासिल करने के लिए सार्थक व सामुहिक प्रयास करें। जिला कलक्टर ने स्वच्छ सर्वेक्षण के महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि स्वच्छता के मानकों पर जिले की मात्रात्मक व गुणात्मक रैकिंग की जायेगी अतः सर्वेक्षण कार्यक्रम के दौरान गांवों में स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र, धार्मिक स्थल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं हाट बाजार क्षेत्र में ग्रामीण समुदाय की भागीदारी दर्ज करते हुए बेहत्तर साफ-सफाई सुनिश्चित करें। जिला प्रमुख हरलाल सहारण ने कहा कि ओडीएफ, स्वच्छता एवं पंचायती राज कार्यक्रमों के तहत चूरू जिले ने बेहत्तर कार्य कर राज्य में मिशाल कायम की है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण कार्यक्रम के तहत अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय ग्रामीण सामुहिक प्रयासों से गांवों को साफ-सुथरा बनाए ताकि रैंकिंग में चूरू जिला प्रथम स्थान अर्जित कर सके। उन्होंने कहा कि स्कूलों एवं सार्वजनिक स्थलों पर शौचालयों की नियमित साफ-सफाई व उपयोग एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की महत्ती जरूरत है। इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी, शिक्षा, चिकित्सा, महिला एवं बाल विकास विभाग, ब्लॉक समन्वयक, जिला संदर्भ व्यक्ति सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।