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मुफ्तखोरों की हरकतों के खिलाफ कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी

कोरोना महामारी की प्राकृतिक आपदा के बावजूद सरकारी धन की लूट में

झुंझुनूं , कोरोना महामारी की प्राकृतिक आपदा के बावजूद सरकारी धन की लूट में शामिल असामाजिक तत्व कर्मचारियों को लूट में बाधक मानकर उन्हें निशाना बना रहे हैं। गत एक महीने के दौरान जिले की ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों के साथ धमकी, दुर्व्यवहार, मारपीट तथा काम मे बाधा पैदा करने के एक दर्जन मामले सामने आये हैं। गत माह खेतड़ी ब्लॉक के गौरीर ग्राम पंचायत के सचिव का सिर फोड़ दिया गया, बुहाना की ढाना व सिंघाना ग्राम पंचायतों के सचिवों पर उसके कार्यालय में घुसकर मारपीट की गई। इसी तरह झरोडा, पुरोहितों की ढाणी, सींथल ग्राम पंचायतों के सचिवों पर खाद्य सुरक्षा में फर्जी तरीके से नाम जुड़वाने, फर्जी विवाह पंजीयन, शौचालयों का फर्जी भुगतान प्राप्त करने, नरेगा में फर्जी हाजिरी करवाने के लिये धमकी दी गई तथा कार्यालयों में घुसकर दुर्व्यवहार किया गया। ऐसे अपराधियों के विरुद्ध तत्काल कानूनी कार्यवाही नही होने पर असामाजिक तत्वों के हौसले बढ़ रहे है तथा जगह जगह कर्मचारियों को धमकियां मिल रही है। पंचायतीराज कर्मचारी संघ ने जिला पुलिस अधीक्षक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर ऐसे लोगों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही की मांग की है। इस घटनाक्रम के बाद जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने सभी पंचायतीराज संस्थाओं के अधिकारी, कर्मचारियों के लिये एक एडवाइजरी जारी कर काम के दौरान किसी से बहस या टिप्पणी न करने, समस्त घटनाओं को रिकॉर्ड पर लेने, ज्यादा भीड़ वाले कार्यालयों में सी सी टी वी कैमरे लगाने, कर्मचारियों के कक्ष पर चैनल गेट लगाकर केवल खिड़की से पत्र व्यवहार करने, कार्यों की सूची तथा सम्पादित करने का निर्धारित समय दर्शाने वाली सूचनाओं को वाल पेंटिंग से दर्शाने, सूचनाये वाट्सएप या मैल से प्राप्त करने के निर्देश दिये हैं।

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