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Video News – झुंझुनू जिला कलेक्टर का हुआ तबादला, ….यह तो होना ही था

कलेक्टर के रूप में डॉ खुशाल झुंझुनू में नहीं छोड़ पाए अपनी छाप

झुंझुनू, कल शाम को ही भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के तबादलों की लिस्ट में झुन्झनू एसपी का तबादला हुआ था उसके बाद देर रात को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादलों की भी एक सूची जारी हुई जिसमें झुंझुनू जिला कलेक्टर डॉक्टर खुशाल यादव का तबादला संयुक्त शासन सचिव ऊर्जा विभाग जयपुर कर दिया गया। वहीं उनके स्थान पर बचनेश कुमार अग्रवाल झुंझुनू के नए जिला कलेक्टर होंगे। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि झुंझुनू जिला कलेक्टर के बदले जाने के कयास लंबे समय से लगाए जा रहे थे क्योंकि उनके अधीनस्थ कर्मचारी या अधिकारी गण ही उनके आदेशों को सीरियसली नहीं ले रहे थे। वहीं तत्कालीन समय में नवागंतुक जिला कलेक्टर डॉ खुशाल ने जब सूचना केंद्र में पत्रकारों के साथ एक वार्ता की थी तो उसे दौरान भी पत्रकारों ने जिले के संदर्भ में सुझाव के साथ कई शिकायतें भी उनके सामने रखी थी लेकिन जिला कलेक्टर ने उस और ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा कई ऐसे मामले आए जिन पर भी झुंझुनू जिला कलेक्टर निर्णय नहीं ले पाए जिसके चलते यह कयास पत्रकारों के साथ आम लोगों में भी लगाए जाने लगा था कि चुनाव से पहले झुंझुनू जिला कलेक्टर का बदला जाना तय है।

क्योंकि झुंझुनू जिला अपने आप में शिक्षा में अग्रणी और तेजतर्रार जिला माना जाता है और चुनाव के समय तो यहां पर जिले की कमान जिन आला अधिकारियों के पास होती है उनसे भी कुछ extra ordinary होने की अपेक्षा की जाती है। लेकिन तबादला होने के बाद डॉ खुशाल झुंझुनू आए उसके बाद से लेकर अब तक उन्होंने ऐसी कोई छाप नहीं छोड़ी जिसके चलते आम लोगों में भी यह चर्चा चल रही थी कि चुनाव से पहले झुंझुनू जिला कलेक्टर का तबादला होना तय हैं। वही आपकी जानकारी के लिए बता दे की झुंझुनू जिले के लोगों की अभी तक एक धारणा यह भी बनी हुई थी कि जो प्रमोट कलेक्टर होते हैं उनकी अपेक्षा सीधे चुने गए आईएएस अधिकारियों की कार्य क्षमता ज्यादा होती है क्योंकि झुंझुनू के लोगों ने आरूषि मलिक और रवि जैन जैसे जिला कलेक्टर का काम यहां पर देखा था। लेकिन डॉक्टर खुशाल यादव जो की अच्छी रैंक के साथ परीक्षा पास करके भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने थे। वह झुंझुनू जिले में किसी भी प्रकार से अपनी छाप छोड़ने में कामयाब नहीं हुए। जिसके चलते उन्होंने झुंझुनू जिले के लोगों की यह धारणा भी बदल डाली कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के सीधे चुने गए अधिकारी ही ज्यादा कार्यशील होते हैं। आम लोगों में तो डॉक्टर खुशहाल के समय में यह चर्चा भी की जाने लगी कि इनसे अच्छा कार्य तो तत्कालीन जिला कलेक्टर रहे उमरदीन खान और लक्ष्मण सिंह कुड़ी यहां पर करके गए थे। झुंझुनू के निवर्तमान जिला कलेक्टर डॉ खुशाल में बहुत से ऐसे मामले थे जिनमें तत्काल ही निर्णय लेने की क्षमता नहीं दिखाई दी। वहीं झुंझुनू के जीतने भी जनप्रतिनिधि थे उनको भी यह आभास हो चला था कि डॉ खुसाल इतने अच्छे प्रशासक झुंझुनू जिले में साबित नहीं हुए हैं।

इसका ताजा उदाहरण चंद रोज पहले नवलगढ़ विधायक एवं मुख्यमंत्री सलाहकार डॉ राजकुमार शर्मा सर्किट हाउस में जब पत्रकारों से वार्ता करने के लिए पहुंचे थे तो उन्होंने सीधे ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर को फोन कर के मीडिया से जुड़े मामले को सुलझाने के लिए कहा था। बहरहाल बहुत सारे ऐसे मामले थे जिसे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि झुंझुनू जिला कलेक्टर डॉ खुशाल यादव को चुनाव से ठीक पहले बदल जाएगा लेकिन झुंझुनू निवर्तमान जिला कलेक्टर डॉ खुशाल यादव जाते-जाते झुंझुनू जिले के लोगों की यह धारणा भी तोड़ कर चले गए कि भारतीय प्रशासनिक सेवा से सीधे पास होकर आए अधिकारी ही ज्यादा अच्छा कार्य करते हैं। जिला कलेक्टर डॉ खुशाल मीडिया से बातचीत करने के मामले में ही अपने आप को असहज महसूस करते थे। वही गत दिनों उन्होंने जब झुंझुनू शहर के रोड नंबर 2 पर स्वच्छता अभियान को लेकर झाड़ू लगाई थी। तब मीडिया कर्मियों में इस बात की भी चर्चा रही थी कि जहां पर झुंझुनू जिला कलेक्टर को अतिक्रमण के लिए कलम चलानी चाहिए थी वहां पर वह झाड़ू लगा रहे हैं।

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