आधा सावन बीत जाने के बाद भी नही बुझी धरती की प्यास, फसल मुरझाने से चिंतित हुए किसान
सूरजगढ़[कृष्ण कुमार गाँधी ] अब की बार आधा सावन बीत जाने के बाद भी तेज बारिश नही होने से धरती की प्यास नही बुझी है जिसके चलते खरीफ की फसल मुरझाने लगी है। खेतों में खड़ी फसल को मुरझाते देख किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी है। सावन का महिना शुरू होने के बाद क्षेत्र में सिर्फ एक बार हल्की बरसात हुई जिसके चलते फसल को भरपुर पानी नही मिलने से फसले मुरझाने लगी है। सावन का महिना बरसात के लिए महत्वपूर्ण होता है इस माह में लोगों को सावन की झड़ी का इंतजार रहता है झड़ी लगने से फसलें लहलहाने लगती है। अब की बार झड़ी तो दूर की बात बुंद तक नही गिर रही है। सावन के महिने में भी जेठ के जैसी गर्मी पड़ रही है। उपखंड के पिलोद, कासनी, भावठड़ी, कुलोठ, दोबड़ा, पीपली सहित आस-पास के अनेक गांवों में बरसात के अभाव में फसल जलने लगी है वहीं सुखे की आहट से किसान भी चिंतित है। किसानों को सावन में लगने वाली झड़ी का इंतजार है लेकिन अभी तक बारिस की कोई संभावना नही दिख रही है। अगर अगले हफ्तेभर तक बारिश नही हुई तो फसल झुलस जाएगी और किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा। खरीफ की फसल मानसून की बारिश पर ही आधारित होती है अबकी बार मौसम विभाग ने अच्छे मानसून की भविष्यवाणी की थी जिससे किसानों को अच्छी आश बंधी थी और उन्होनें महंगे भाव के बीज खरीदकर बाजरा, मुंग, ग्वार, चौला की फसल की बुवाई की लेकिन ऐसा लग रहा है कि बरसात नही होने से किसान फिर प्रकृति के हाथों ठगे गए।