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डीएपी व यूरिया की कमी का कारण प्रदेश सरकार का बद्हाल मैनेजमेंट – सांसद राहुल कस्वां

सांसद राहुल कस्वां ने की दिल्ली में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी से मुलाकात

चूरू, सांसद राहुल कस्वां ने दिल्ली में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी से मुलाकात कर चूरू संसदीय क्षेत्र में डीएपी की कमी पर चर्चा की। सांसद कस्वां ने ज्वाइंट सेक्रेटरी को बताया कि चूरू संसदीय क्षेत्र में मांग के अनुरूप डीएपी नहीं पहुंच पा रही है। रबी सीजन की बुवाई का समय है और क्षेत्र में किसानों को डीएपी नहीं मिल पाने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस पर ज्वाइंट सेक्रेटरी ने बताया कि राजस्थान में रबी सीजन 2022-23 के लिये कुल 3.00 LMT डीएपी की जरूरत है। जिसमें से 1अक्टूबर से 6 अक्टूबर के मध्य आवश्यक 0.29 LMT डीएपी की एवज में राजस्थान को 0.61 LMT डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है।राज्य में इस समय डीएपी का अच्छा स्टॉक है। 0.61 LMT डीएपी में से राज्य सरकार द्वारा अब तक मात्र 0.18 LMT डीएपी ही विक्रय की गई है। राज्य में 6 अक्टूबर तक 0.43 LMT डीएपी का स्टॉक उपलब्ध है।इसी प्रकार राज्य में रबी सीजन के लिये अनुमानित 13.00 LMT यूरिया की जरूरत है, जिसमें से अक्टूबर माह के लिये 4 LMT यूरिया की मांग की एवज में प्रथम सप्ताह में ही 1.58 LMT यूरिया राज्य को उपलब्ध करवाई जा चुकी है। राज्य सरकार 0.38 LMT यूरिया ही विक्रय कर पाई है, यानि 6 अक्टूबर तक राज्य में 1.20 LMT यूरिया का स्टॉक उपलब्ध है।

सांसद कस्वां ने कहा कि चूरू संसदीय क्षेत्र की बात करें तो कुल अनुमानित 12500 LMT डीएपी की जरूरत है जिसमें 5500 LMT चूरू व 7000 LMT नोहर, भादरा की जरूरत है; लेकिन हमारे क्षेत्र को अब तक मात्र 300 LMT नोहर, भादरा में एवं 500 LMT डीएपी चूरू में सप्लाई हो पाई है।केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय द्वारा दिए गये उपरोक्त सप्लाई के डाटा से स्पष्ट है कि राज्य में डीएपी व यूरिया की उपलब्धता मांग से अधिक ही करवाई जा रही है लेकिन प्रदेश सरकार के गलत मैनेजमेंट के कारण डीएपी व यूरिया का वितरण गड़बड़ा गया है। प्रदेश सरकार हमेंशा की तरह गहरी नींद में सोई है और किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।प्रदेश सरकार द्वारा जितनी डिमांड की जा रही है उससे सरप्लस डीएपी व यूरिया की उपलब्धता केन्द्र सरकार द्वारा सुनिश्चित की जा रही है; परंतु राज्य सरकार के जीरो मैनेजमेंट ने आज प्रदेश के किसानों के सामने संकट पैदा कर रखा है। राज्य सरकार से बात कर मैनेजमेंट सुधार व संसदीय क्षेत्र में डीएपी व यूरिया की जरूरत के मुताबिक सप्लाई के लिये हम प्रयासरत हैं।

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