राजस्थान की शुष्क जलवायु और अकाल की समस्या के कारण पशुओ के लिए वर्षभर हरा चारा उपलब्ध नहीं हो पाता…
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‘हे’: एक परिचय ‘सूखा हरा चारा’ जिसमे शुष्क पदार्थ लगभग 85-90 {44d7e8a5cbfd7fbf50b2f42071b88e8c5c0364c8b0c9ec50d635256cec1b7b56},रंग हरा और पत्तियों की अधिक मात्रा हो उसे…
Read More »बारिश का मौसम शुरू हो चुका हैं| इस मौसम मे पशुओं मे मुख्यतया निम्न रोग अधिक देखे जाते हैं- फूट-रॉट/…
Read More »वर्षा ऋतु मे पशुओं की आहार व्यवस्था- पशुओं के दाने-चारे के बारिश मे भीग जाने पर उसमे फंगस लग जाती…
Read More »मानसून आते ही गाय-भैंस में गलघोटू और लंगड़ा बुखार रोग का प्रकोप देखा जाता है| अतः सभी पशुओ का मानसून…
Read More »नवजात बछडे या बछडी को दिया जाने वाला सबसे पहला और सबसे जरूरी आहार है मां का पहला दूध, अर्थात्…
Read More »भेड़-बकरियों में मुख्यतया फड़कीया, कन्टेजियस-इक्थाईमा, पी.पी.आर. और पॉक्स रोग का प्रकोप अधिक पाया जाता हैं| -:फड़कीया:- फड़कीया रोग का रोगकारक…
Read More »“मुंहपका-खुरपका रोग” एक ज़ूनोटिक रोग हैं जो पशुओं से मनुष्यों में भी फ़ैल सकता हैं|मुंहपका खुरपका रोग विषाणु (पिकोरना वायरस)…
Read More »पशु आहार के विकल्प की खोज में एक विस्मयकारी फर्न अजोला सदाबहार चारे के रूप में उपयोगी हो सकता है|…
Read More »भारतीय संस्कृति में गाय को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। इसे कामधेनु भी कहा गया है। इसका दूध बच्चों के लिए…
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