मुर्गीपालन 2 प्रकार से किया जाता हैं| जो मुर्गियाँ अंडो के उत्पादन के लिए पाली जाती हैं उनको “लेयर्स” तथा…
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पशुपालकों को अपने सभी पशुओं का समय पर टिकाकरण और कृमिनाशन करवाना चाहिए| गाय-भैंस का हर 3 माह मे कृमिनाशन…
Read More »डॉ. हनुमान भादू [लेखक ] “रेगिस्तान का जहाज” कहलाने वाला ये पशु कैसी भी विकट परिस्थितियों में जिंदा रह सकता…
Read More »कुत्ता सबसे पुराना पालतू जानवर है, परन्तु कुछ जूनोटिक बीमारियों का खतरा भी इससे जुडा हैं| घर का पालतू,…
Read More »पशुगणना 2012 के अनुसार राजस्थान में लगभग 90 लाख भेड़े हैं| राजस्थान में पाई जाने वाली भेड़ों की मुख्य नस्लों…
Read More »राजस्थान की शुष्क जलवायु और अकाल की समस्या के कारण पशुओ के लिए वर्षभर हरा चारा उपलब्ध नहीं हो पाता…
Read More »‘हे’: एक परिचय ‘सूखा हरा चारा’ जिसमे शुष्क पदार्थ लगभग 85-90 {44d7e8a5cbfd7fbf50b2f42071b88e8c5c0364c8b0c9ec50d635256cec1b7b56},रंग हरा और पत्तियों की अधिक मात्रा हो उसे…
Read More »बारिश का मौसम शुरू हो चुका हैं| इस मौसम मे पशुओं मे मुख्यतया निम्न रोग अधिक देखे जाते हैं- फूट-रॉट/…
Read More »वर्षा ऋतु मे पशुओं की आहार व्यवस्था- पशुओं के दाने-चारे के बारिश मे भीग जाने पर उसमे फंगस लग जाती…
Read More »मानसून आते ही गाय-भैंस में गलघोटू और लंगड़ा बुखार रोग का प्रकोप देखा जाता है| अतः सभी पशुओ का मानसून…
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