नारद के तप से इन्द्र का सिंहासन डुलायमान हो उठा। घबराया इन्द्र मित्र कामदेव को नारद का तप भंग करने भेजता है लेकिन सभी काम बाण फेल हो जाने पर आखिर में कामदेव नारद की शरण में जाते हैं और नारद का तप भंग होता है। ये दृश्य था कस्बे के गांधीचौक के पास डॉ.ओमप्रकाश पचरंगिया मार्ग स्थित डालमियों के नोहरे में श्रीरामलीला परिषद की ओर से शुरू हुई रामलीला के प्रथम दिन का। नारद मोह अलावा नारद – विश्वमोहिनी प्रसंग, नारद-विष्णु संवाद, रावण जन्म और मेघनाथ के इंद्रजीत बनने की लीला दिखाई गई। लीला में इंद्र बने चंद्रमौलि पचरंगिया, नारद बने महेश धन्ना, कामदेव बने नटवर कोटवाल, मंत्री बने मोतीलाल शर्मा, रमेश कोटवाल, रावण बने संतोष अरड़ावतिया, कुम्भकरण बने प्रवीण पलडिय़ा, विभीषण बने भूपेंद्र दायमा, विष्णु बने राजेश रामजी, मेघनाद बने दीपेश अरड़ावतिया, माया बने रवि भारतीय, ब्रह्मा बने महावीर सोनी, शिव बने राहुल पुजारी सहित अन्य कलाकारों ने अपने अभिनय के माध्यम से दर्शकों को काफी प्रभावित किया। इससे पूर्व रामलीला का विधिवत शुभारम्भ मुख्य अतिथि चिड़ावा थानाधिकारी संदीप शर्मा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रह्म चेतन्य संस्थान के अध्यक्ष विश्वनाथ अरड़ावतियाने की। परिषद संरक्षक बैजनाथ मोदी ने गणेश पूजन किया। परिषद अध्यक्ष प्रमोद अरड़ावतिया, कोषाध्यक्ष सुरेश डालमिया, सचिव सुशील पदमपुरिया ने बताया कि शुक्रवार को सीता स्वयंवर, लक्ष्मण-परशुराम संवाद, रावण-बाणासुर संवाद की लीला दिखाई जाएगी। रामलीला प्रतिदिन रात्रि 8.30 बजे से 12 बजे तक होगी।