चुरूताजा खबर

लापरवाह कार्मिक पर गिरी गाज

तीन साल से अनुपस्थित चल रहे चपरासी को पदच्युत करने के दिए आदेश

चूरू, राजकीय सेवा में लगातार तीन साल से अधिक अवधि से स्वेच्छा से अनुपस्थित रहना सरदारशहर के एक कार्मिक को महंगा पड़ गया है। जिला कलक्टर संदेश नायक ने सरदारशहर उपखंड अधिकारी कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुरेश कुमार प्रजापत को पदच्युत करने के आदेश दिए हैं।
जिला कलक्टर की ओर से जारी आदेश के अनुसार, सरदारशहर उपखंड कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कार्मिक सुरेश कुमार प्रजापत 22 अक्टूबर 2016 से बिना किसी सूचना एवं बिना अवकाश स्वीकृत करवाये स्वेच्छा से अनुपस्थित चल रहे थे। सरदारशहर उपखण्ड अधिकारी ने 12 जुलाई 2017 को इस कार्मिक को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिवस में जवाब प्रस्ततु करने के लिए निर्देशित किया गया परन्तु कार्मिक द्वारा किसी प्रकार का जवाब पेश नहीं किया गया। इसके बाद उपखण्ड अधिकारी द्वारा पुनः अपने रजिस्टर्ड पत्र से 7 सितंबर 2017 को कार्मिक को व्यक्तिगत उपस्थित होकर स्पष्टीकरण सात दिवस में देने के लिए कहा था, परन्तु कार्मिक ने कारण बताओ नोटिस एवं स्मरण पत्र दिये जाने के बावजूद भी किसी प्रकार का प्रत्युत्तर नहीं प्रस्तुत किया। इस पर कार्मिक के विरूद्ध बिना किसी सूचना एवं बिना अवकाश स्वीकृत करवाये स्वेच्छा से अनुपस्थित रहने के कारण जिला कलक्टर कार्यालय द्वारा 23 अक्टूबर 2019 को राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के उपनियम 16 के अधीन आरोप-पत्र एवं आरोप-विवरण पत्र जारी किए गए। आरोपी कार्मिक को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए 15 दिवस का समय दिया गया। आरोपी कार्मिक द्वारा आरोपों के संबंध में आदिनांक तक कोई प्रत्युत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया। इस पर कार्मिक को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए 11 दिसंबर 2019 को व्यक्तिगत सुनवाई नियत की गई। कार्मिक ने व्यक्तिगत सुनवाई में बिना सूचना एवं बिना अवकाश स्वीकृत कराये स्वेच्छा से अनुपस्थित रहने के संबंध में कोई लिखित जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया एवं ना ही कोई संतोषजनक जवाब दिया। इस पर राजस्थान सेवा नियमों के तहत जान-बूझकर कर्तव्य से अनुपस्थित रहने, उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करने तथा अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता व राजकार्य के प्रति निष्ठुरता पर राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 14 (vii) के अन्तर्गत इन्हें राजकीय राज्य सेवा से पदच्युत (Dismiss from service) किया गया है। कार्मिक का यह अनुपस्थिति काल सेवा योग्य नहीं समझा जाएगा।

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