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माखर और बगड़ से भी रिश्ता जुड़ गया भारत के सुप्रसिद्ध व्यवसायी अंबानी परिवार का

रणथम्भौर में गणेश जी की सेवा में कार्ड प्रस्तुत करते हुए निदेशक रवि कुमार ओझा

झुंझुनू, [नीरज सैनी] ईशा अंबानी और आनंद पिरामल की 12 दिसंबर को हो रही हाई प्रोफाइल शादी को लेकर दोनों प्रसिद्ध व्यावसायिक घराने सुर्खियों में बने हुए है। बात अंबानी और पीरामल परिवार के सम्बन्धी बनने की है जिसको लेकर राजस्थान के झुंझुनू जिले के बगड़ और माखर कस्बे अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे है। वही पीरामल परिवार का बगड़ और माखर से पीढ़ियों का रिश्ता है। स्थानीय लोगों के अनुसार सेठ पिरामल के पिताजी मूल रूप से माखर ग्राम के रहने वाले थे जिसके कारण माखरिया भी उनके साथ लगाया जाता है। ये काम के सिलसिले में बगड़ जाकर बस गए वहां से सेठ पिरामल का व्यवसाय इतना फलता फूलता गया कि आज तक इनके परिवार ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज भारत के नामचीन व्यवसायिक घराने के रूप में पीरामल समूह अपनी पहचान बना चूका है। वही भारत के सबसे अमीर घराने अंबानी परिवार से इनका जब से रिश्ता हुआ तब से बगड़ और माखर के लोगो में सुखद चर्चाये भी सुनने को मिल रही है। 12 दिसंबर को मुकेश अंबानी और नीता अंबानी की बेटी ईशा अंबानी की उद्योगपति अजय पीरामल व पद्मश्री डॉ स्वाति पिरामल के बेटे आनंद पिरामल की शादी होने जा रही है। हाई प्रोफाइल इशा अंबानी और आनंद पिरामल की शादी के मद्देनजर झुंझुनू जिले के बगड़ और माखर कस्बे एक बार फिर लोगों की चर्चा में आ गए हैं।


माँ शाकम्भरी के दरबार में शादी का कार्ड चढ़ाते हुए निदेशक रवि कुमार ओझा

माखर के पुराने लोगों ने बताया कि सेठ पिरामल के पिताश्री चतुर्भुज माखरिया माखर के रहने वाले थे। यहाँ से वो बगड़ चले गए जहा पर आज भी उनकी पैतृक सम्पति है। तथा पीरामल शिक्षा न्यास भी संचालित किया जा रहा है जो कि चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। आज के समय में सेठ पिरामल का नाम इस परिवार सरनेम पिरामल बन चुका है। बगड़- माखर के लोगों में हो रही शादी को लेकर अच्छी खासी चर्चा है। अभी उदयपुर में राजशाही तरीके से इनकी प्री वेडिंग सम्बंधित कार्यक्रम चल रहे है। जिसमे देश की नामी गिरामी हस्तिया शिरकत कर रही है। इसके बाद कार्यक्रम मुंबई में आयोजित किए जाएंगे जिसमें मुकेश अंबानी के निवास स्थान एंटीलिया 12 दिसंबर को ईशा अंबानी और आनंद पीरामल सात फेरे लेकर हमसफ़र बन जायेगे। पिरामल परिवार की कुलदेवी मा शाकम्भरी है जिसके चलते पिरामल शिक्षा न्यास के निदेशक रवि कुमार ओझा मुंबई से पिरामल परिवार के प्रतिनिधि के तौर पर शाकंभरी पहुंचकर शादी का कार्ड महंत को भेट किया। साथ ही रवि कुमार ओझा ने रणथंबोर गणेश मंदिर में जाकर भी पिरामल परिवार की इस शाही शादी का कार्ड चढ़ाया। विशेष रूप से डिजाइन किए गए शादी के कार्ड की चर्चाएं भी लोगों के बीच चल रही हैं। ऐसी जानकारी मिली है कि बगड़ में पिरामल परिवार के जो नजदीकी लोग हैं जिनको शादी का कार्ड भेजा गया है और साथ में एक मिठाई का डब्बा भी भेजा गया है।

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