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सम्पत सरल ने कहा उपाध्याय सम्मान मेरा पहला पुरस्कार

बाल निकेतन ने सरल सहित 6 पूर्व दिग्गज राजनीतिज्ञों के प्रति प्रकट की कृतज्ञता

रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] उपखण्ड रतनगढ़ सहित राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र के अमिट हस्ताक्षर रहे एडवोकेट स्व. चम्पालाल उपाध्याय की स्मृति में स्थापित उपाध्याय सम्मान का वितरण समारोह शुक्रवार को स्थानीय पण्डित दीनदयाल उपाध्याय टाउन हॉल में वरिष्ठ कवि लेखक सम्पत सरल, पूर्व सूचना आयुक्त एवं वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ तथा राजस्थान साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष दुलाराम सहारण के आतिथ्य में समारोह पूर्वक मनाया गया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ लेखक व व्यंगकार सम्पत सरल को उनके निर्भीक साहित्यिक योगदान को रेखांकित करने हेतु उपाध्याय सम्मान के अन्तर्गत शॉल, श्रीफल, सम्मान पत्र एवं एक लाख रूपये की पुरस्कार राषि से अलंकृत किया गया। इनके साथ ही स्व. उपाध्याय के जीवन काल में उदार प्रषासनिक सहयोग प्रदान करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया, षिवचरण माथुर, भैरोंसिंह शेखावत, पूर्व उपमुख्यमंत्री हरिषंकर भाभड़ा, पूर्व वित्तमंत्री मानिकचन्द सुराना तथा पूर्व षिक्षामंत्री हरिभाऊ उपाध्याय सहित 6 राजनीतिज्ञों की स्मृतियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने हेतु उपाध्याय सम्मान पत्र से नवाजा गया।
मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से प्रारम्भ हुए समारोह को सम्बोधित करते हुए सरल ने कहा आज के दौर में मिडीया विवेकहीन है। देष में पाखण्ड, आक्रामता और निर्लज्जता की त्रिवेणी बह रही है। आजकल सत्ता कॉर्पोरेट घरानों द्वारा कठपुतलियों की तरह चलाई जा रही है। उन्होंने उपाध्याय सम्मान प्राप्त करने पर कहा कि यह मेरे जीवन का पहला पुरस्कार है। आपने मुझे सम्मानित कर मेरे लेखकीय जिम्मेदारी और बढ़ा दी है प्रयास करूंगा की अपनी लेखकीय जिम्मेदारी की कसौटी पर खरा उतरता रहूं। वहीं पूर्व सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने देष की षिक्षा व्यवस्था के स्तर को रेखांकित करते हुए कहा कि हाईली एज्यूकेटेड युवाओं में आक्रामता व द्वेषता का भाव दिखता है वहीं दूसरी और कम पढ़े लिखे युवाओं में विनम्रता का भाव आलोकित होता है। डॉ. सहारण ने अपने उद्बोधन में कहा कि चूरू की माटी का ही बल है कि सरल जैसे प्रतिभावान व्यंगकार निर्भीकता और बेबाकी से अपनी बात विष्व के सामने रख पाते हैं।संस्थाध्यक्ष घनष्यामचन्द्र सोनी अतिथियों का सूत की माला पहनाकर व सचिव राजीव उपाध्याय ने गांधी – नेहरू साहित्य भेंट कर स्वागत किया। सचिव उपाध्याय ने अतिथियों व आगन्तुकों का शाब्दिक स्वागत करते हुए कार्यक्रम परिचय दिया। कार्यक्रम में रूबी महर्षि, कंचन शर्मा, शमीम, वैद्य बालकृष्ण गोस्वामी, ओमप्रकाष मंगलहारा, रामनारायण व्यास, राजेष जोषी, एडवोकेट बजरंगलाल गुर्जर, अनिल पारीक, ओमप्रकाष सांखोलिया, अनवर कुरैषी, महेष शर्मा, राजेन्द्र बबेरवाल, वैद्य लक्ष्मीनारायण शर्मा, कन्हैयालाल चौमाल सहित सैंकड़ों गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संचालन कुलदीप व्यास ने किया।

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