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शेखावाटी की वीर भूमि से देश की रक्षा करते हुए सर्वाधिक सैनिक शहीद हुए हैं – राज्यपाल मिश्र

राज्यपाल मिश्र ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर के संविधान पार्क, विधि भवन, मुख्य द्वार एवं जलपान गृह का किया लोकार्पण

सीकर, राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान की इस प्रतिष्ठित एवं वीरों की भूमि शेखावाटी अंचल का अपना एक विशिष्ट स्थान है। शेखावाटी की वीर भूमि से देश की रक्षा करते हुए सर्वाधिक सैनिक शहीद हुए हैं। ये अंचल जिसने देश को अनेक ऐसे सपूत दिये हैं जिन्होंने व्यवसाय और उद्योग के क्षेत्र में भारत को बुलंदियों पर पहुंचाया है। इतना ही नहीं यह क्षेत्र धन कुबेरों के साथ सरस्वती की उपासना का भी एक प्रतिष्ठित केन्द्र रहा है, जहां स्वतंत्रता के पश्चात से ही अनेक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान स्थापित हुए और जिनसे निकले विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शेखावाटी क्षेत्र का नाम रोशन किया है। राज्यपाल कलराज मिश्र शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर के संविधान पार्क, विधि भवन, मुख्य द्वार एवं जलपान गृह का लोकार्पण करने के बाद आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

मुख्य अतिथि राज्यपाल मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर में आयोजित आज का यह लोकार्पण कार्यक्रम एक ऐसे अवसर पर हो रहा है जबकि हम अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। यह अवसर हमें उन महान स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देश को आजादी की सौगात प्रदान करने में अपनी भूमिका निभाई है। आज की जिस पीढ़ी ने स्वतंत्र भारत में जन्म लिया है उनके लिए यह कल्पना कर पाना भी मुश्किल होगा कि इस स्वतंत्रता के लिए कितने ही लोगों ने अथक संघर्ष, बलिदान, त्याग, पीड़ा और पराधीनता की बेड़ियों के मध्य किस प्रकार अपना जीवन जिया होगा और हमारे लिए स्वाधीन भारत की आधारशिला का निर्माण किया होगा।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि आजादी के 76 वर्ष के इस काल में हमारे देश ने अपने वीर जवानों, तकनीकी विशेषज्ञों, उद्यमियों और समर्पित युवा पीढ़ी के अथक प्रयासों से विश्व में भारत को उच्च शिखर पर स्थापित किया है जिस पर हम सभी को गर्व है। आज हमारी अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवीं सर्वोच्च अर्थव्यवस्था है और इसी प्रकार हम तरक्की की राह पर अग्रसर रहे तो वो दिन दूर नहीं जब भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित होगा। भारत की इस विकास यात्रा में मात्र आर्थिक तरक्की ही पर्याप्त नहीं है, हमें अपनी विरासत एवं संस्कृति को भी अक्षुण्ण बनाये रखना है, क्योंकि प्राचीन काल से भारत को विश्व-गुरू होने का जो गौरव प्राप्त था उस गौरवमयी परम्परा को भी हमें न केवल संरक्षित रखना है बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को विश्व में एक नई पहचान प्रदान कर पुनः विश्व-गुरू होने की स्थिति तक पहुँचाना है। वीरों और धनकुबेरों की इस धरा पर आकर मैं स्वयं भी आज विशेष प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर की स्थापना वर्ष 2012 में हुई तथा इस अल्प काल में विश्वविद्यालय ने अपनी एक विशेष पहचान स्थापित की है। विगत कुछ वर्षों में राजस्थान में सीकर एक ‘एजुकेशन हब’ के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित कर चुका है और इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को विश्वविद्यालय स्तरीय उच्च शिक्षा प्रदान करना स्वयं में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसको यह विश्वविद्यालय सफलतापूर्वक निर्वाह कर रहा है। वर्ष 2016 से इस विश्वविद्यालय ने सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित करना आरंभ किया है।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि राजभवन की पहल पर इस विश्वविद्यालय द्वारा गांव कटराथल एवं कोटड़ी धायलान को गोद लेकर इन गांवों में विभिन्न समाजोपयोगी परियोजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन कर इन गांवों को विकसित किया गया है। इसी क्रम में वर्तमान में गांव कोलिड़ा कोे तीसरे चरण में गोद लिया हुआ है जिसमें विभिन्न समाजोपयोगी कार्य करवाये जाकर गांव को विकसित किया जा रहा है। 61.57 एकड़ के विषाल हरे-भरे भू-भाग में स्थापित इस विश्वविद्यालय में स्वच्छ एवं हरित विश्वविद्यालय अभियान के चलते थीम बेस्ड वृक्षारोपण किया गया है। अमृत वाटीका बना दी गई है और पंचवटी का निर्माण कार्य चल रहा है। स्वच्छ एवं हरित विश्वविद्यालय अभियान के अन्तर्गत किए गए विभिन्न वृक्षारोपण से न केवल वातावरण शुद्ध एवं साफ हो रहा है अपितु विद्यार्थियों को भी प्राकृतिक एवं स्वास्थयवर्धक वातावरण का लाभ मिल रहा है।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 564 महाविद्यालयों में कला, विज्ञान, वाणिज्य एवं शिक्षा संकाय के अन्तर्गत स्नातकोत्तर स्तर पर 26 एवं स्नातक स्तर पर 11 पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, इनमें लगभग 3.50 लाख शेखावाटी अंचल के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे

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