या फिर से देखने को मिलेगा ओला परिवार का ही धमाल
झुंझुनू, झुंझुनू जिले की राजनीति लंबे समय तक दिग्गज नेता शीशराम ओला के परिवार के इर्द-गिर्द ही चलती रही है और झुंझुनू जिला मुख्यालय की झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र से सातवीं बार उनके पुत्र बृजेन्द्र ओला चुनाव मैदान में है। जो कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। तीन बार जीत और तीन बार हार के बाद अबकी बार सातवीं बार वह फिर से मैदान में हैं। वही भारतीय जनता पार्टी ने इस बार झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र से एक युवा निषित कुमार उर्फ बबलू चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी में झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र से पैराशूट के उम्मीदवार ही देखने को मिले हैं। लेकिन यह पहला मौका है जब पार्टी के व्यक्ति को ही टिकट दिया गया है। इसमें कोई शक नहीं कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में बहुत काम किए हैं लेकिन झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र में जितना कम होना चाहिए था उतना नहीं हुआ है क्योंकि बृजेंद्र ओला जिस दिग्गज परिवार से आते हैं उनके प्रदेश में कद के अनुसार विधानसभा क्षेत्र में विकास देखने को नहीं मिला यदि ऐसा होता तो खेल विश्वविद्यालय यहां से दूर नहीं जाता। वहीं कांग्रेस सरकार में जब अंदरूनी खींचतान चरम पर थी तो उस दौरान बृजेंद्र ओला सचिन पायलट का साथ देते हुए मानेसर में कैंप कर रहे थे जिसके चलते सरकार में फिर से इनको स्थापित होने में भी कुछ वक्त लगा और एक तरह से इनके ऊपर मानेसर का लेबल भी लग गया।
वही भाजपा के प्रत्याशी बबलू चौधरी पिछले चुनाव में निर्दलीय के रूप में अपनी ताल ठोकी थी और एक बड़ी मात्रा में इन्होंने वोट लिया था और भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र भाम्बू इनसे सिर्फ लगभग 6 हजार वोट ही ज्यादा ले पाए। पार्टी के साथ क्षेत्र के लोगों में भी इन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई जिसके चलते ही इनको यहां पर टिकट दिया गया है। वही बबलू चौधरी ही भाजपा जिला मुख्यालय पर एकमात्र ऐसे नेता पिछले पांच साल के दौरान रहे जो अपने कार्यक्रमों में भीड़ जुटाना में कामयाब रहे थे। वहीं इनकी हाल ही में जो नामांकन रैली थी उसमें जुटी भीड़ को देखकर तो भाजपा नेताओं ने यहां तक कह दिया था कि किसी राष्ट्रीय नेता के कार्यक्रम में इतनी भीड़ में नहीं जुटती है। दरअसल आपको बता दें कि इसके पीछे का कारण बबलू चौधरी पिछले 5 साल में बिना किसी तामझाम या दिखावे के सीधे ही वन टू वन अपने कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क में रहे और किसी भी समस्या आने पर एक फोन पर ही कार्यकर्ताओं के बीच मिले भी। वही शुरू में जब इनको प्रत्याशी घोषित किया गया था तब विरोध का सामना करना पड़ा था और गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे राजेंद्र भाम्बू ने इस बार बगावत करते हुए निर्दलीय के रूप में अपनी ताल ठोक दी है लेकिन उसके बाद से जिस सूझबूझ के साथ बबलू चौधरी और उनकी टीम ने उठ रहे सवालों पर विराम लगाते हुए रिकवरी की है उसके चलते कांग्रेस पार्टी के लोग भी यह मानने लगे हैं कि यदि ओला चुनाव जीतते हैं तो जीत का अंतर ज्यादा नहीं रहेगा। बबलू चौधरी की ताकत ऐसे कार्यकर्ता है जो बिना किसी स्वार्थ के साथ उनके साथ जुड़े हुए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में तो कई स्थानों पर ऐसी मीटिंग भी हुई है जो इनके नजदीकी कार्यकर्ता थे ना तो उन्होंने कोई माला डाली ना कोई माला पहनी ये मौन मूक नीव के पत्थर की तरह इन्होंने बबलू चौधरी को ही आगे किया। जिसका परिणाम है की टिकट की घोषणा के बाद से लगातार बबलू चौधरी की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है। वहीं कांग्रेस की तरफ से मंत्री बृजेंद्र ओला उम्मीदवार हैं यहां पर इनका प्लस पॉइंट है कि लंबे समय तक उनके परिवार का इस क्षेत्र में दबदबा रहा है और अल्पसंख्यक समाज जो इस विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में है अब तक बृजेंद्र ओला आसानी से इनको सपोर्ट से चुनाव जीतते आए हैं। वहीं कांग्रेस सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उनका फायदा भी यहां पर बृजेंद्र ओला को मिलेगा लेकिन इसके साथ ही जो तीसरे निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र भाम्बू है उनको लेकर यह धारणा बनी हुई है कि वह सिर्फ भाजपा के ही वोटो को नुकसान पहुंचाएंगे यह सटीक नहीं है
बल्कि अल्पसंख्यक समाज भी उनके साथ बड़ी संख्या में जुड़ा हुआ है लेकिन देखने वाली बात है कि यह संख्या मतों की संख्या में कितनी बदलती है। इसके साथ ही कई स्थानों पर राजनीतिक और जातिगत समीकरण इस प्रकार बने हुए हैं कि वह दोनों ही पार्टियों के नेताओं को नुकसान पहुंचाते हुए नजर आ रहे हैं। अब ऐसे में यदि जाट समाज का बड़ा तबका एक बार अपने समाज के युवा पर ज्यादा विश्वास जता दे तो चौंकाने वाले परिणाम भी झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र से देखने को मिल सकते हैं नहीं तो फिर से ओला परिवार का कमाल ही आपके यहां से देखने को मिलेगा। लेकिन इतना तय है कि इस चुनाव के बाद बबलू चौधरी भाजपा नेता के रूप में जरूर झुंझुनू में स्थापित हो जायेगे। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू