ताजा खबरसीकर

दीपक बनाने वाले कुम्हारों की चाक ने पकड़ी स्पीड

शेखावाटी लाइव की दीवाली विथ दीपक मनाने की अपील

चाइनीज लाइट के आगे फीकी पड़ी दीपक की रोशनी

सीकर [ नरेश कुमावत ] दीपावली पर धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने मिट्टी के दीपक बनाने वाले कुम्हारों की चाक अब तेजी से चलने लगी है। पूरा परिवार मिट्टी के दीपक बनाने में लगा हुआ है। उन्हें इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद है। जिले के ग्राम बाय में रमेश कुम्हार व उनका परिवार मिट्टी का सामान तैयार करने में व्यस्त हैं। रमेश कुम्हार ने बताया कि मिट्टी के दीपक बनाने में मेहनत लगती है। रोजाना 300 से 800 दीपक बना रहे हैं। घर के सभी सदस्य दिन रात मेहनत करके एक दिन में एक सैकड़ा दीपक बना पाते हैं, वहीं दूसरी ओर बाजारों में चाइनीज इलेक्ट्रानिक्स झालरों की चमकदमक के बीच मिट्टी के दीपक की रोशनी धीमी पड़ती जा रही है, जिसके चलते लोग दीपकों का उपयोग महज पूजन के लिए ही करने लगे हैं। ऐसी स्थिति में अब इन परिवारों की रोजी रोटी के लिए संकट खड़ा हो गया है। वही कुमावत समाज के लोग अब इस मिट्टी के बर्तन बनाने की कला को मांग कम होने व उपेक्षित होने पर छोड़ते जा रहे है। गौरतलब है कि चाइनीज लाइटिंग की चका चौंध में अब ये हस्त कला भी विलुप्ति की तरफ बढ़ रही है। वही इसकी उपेक्षा होने पर देश का अरबों रुपया चीन जा रहा है। साथ ही दीपक की जगह अन्य विकल्पों का दीपावली पर रौशनी के लिए प्रयोग हो रहा है जिसके चलते पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। फ्रीज इस हस्त कला द्वारा बनने वाले मटके को खा गया वही अब चाइनीज लाइटिंग दीपक को निगलने का मन बना चुकी है। जिसके चलते अब कुमावत समाज के युवा इस हस्त कला से विमुख होते जा रहे है। इस दीपावली पर शेखावाटी लाइव आपसे दीवाली विथ दीपक मनाने की अपील करता है।

Related Articles

Back to top button