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समर्थन मूल्य पर सरसों-चना खरीद की सभी तैयारियां आरम्भ

1 अप्रेल से करवा सकेंगे पंजीकरण, 10 अप्रेल से शुरू होगी खरीद सहकारिता मंत्री

सीकर, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के हित में सदैव तत्पर है एवं आगामी रबी सीजन 2025-26 में समर्थन मूल्य पर सरसों तथा चना की खरीद के लिए सभी तैयारियां आरंभ की जा चुकी हैं। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि इस वर्ष राज्य में सरसों का लगभग 62 मैट्रिक टन एवं चने का लगभग 23 लाख मेट्रिक टन उत्पादन संभावित है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप राज्य में सरसों की 13.89 लाख मैट्रिक टन एवं चने की 6.30 लाख मैट्रिक टन खरीद किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चना के विक्रय के लिए किसान 1 अप्रेल से ई-मित्र के माध्यम से पंजीयन करवा सकेंगे। जबकि, खरीद का कार्य 10 अप्रेल से आरंभ होगा। पंजीयन के लिए किसानों को गिरदावरी एवं पासबुक आवश्यक रूप से पंजीयन फॉर्म के साथ अपलोड करनी होगी। समर्थन मूल्य पर खरीद बायोमेट्रिक अभिप्रमाणन के आधार पर की जाएगी।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस वर्ष राज्य में नोडल एजेंसी नैफेड के साथ-साथ एनसीसीएफ द्वारा भी दलहन-तिलहन की खरीद का कार्य राजफैड के माध्यम से कराया जाना है। इसके लिए सरसों एवं चने के लिए एनसीसीएफ को 217-217 एवं नैफेड को 288-288 क्रय केन्द्र स्वीकृत किये गए हैं। इस प्रकार, राज्य में सरसों एवं चने के कुल 505-505 क्रय केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी जिलेवार सूची जारी कर दी गई है।

दक ने बताया कि एनसीसीएफ द्वारा राजफैड क्षेत्रीय कार्यालय अजमेर, जोधपुर, बीकानेर एवं कोटा के 19 जिलों में तथा नैफेड द्वारा राजफैड क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर, उदयपुर, श्रीगंगानगर एवं भरतपुर क्षेत्र के 21 जिलों में खरीद कार्य करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा आगामी सीजन ​के लिए सरसों का समर्थन मूल्य 5950 रुपये प्रति क्विंटल एवं चने का समर्थन मूल्य 5650 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि किसान पूर्व की भांति एफएक्यू गुणवत्ता मापदण्डों के अनुरूप अपनी फसल क्षेत्र की क्रय-विक्रय अथवा ग्राम सेवा सहकारी समिति केन्द्र पर विक्रय कर सकेंगे। किसान भाइयों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए राजफैड में कॉल सेन्टर 18001806001 स्थापित किया गया है। उन्होंने किसान भाइयों से अनुरोध किया कि वे अपनी फसल को साफ-सुथरा कर तथा छानकर क्रय केन्द्रों पर लाएं ताकि गुणवत्ता मापदण्डों के अनुरूप जिंस विक्रय कर सकें।

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