झुंझुनू, आदर्श समाज समिति इंडिया के कार्यालय सूरजगढ़ में सामाजिक कार्यकर्ता जगदेव सिंह खरड़िया की अध्यक्षता में देश के प्रथम श्रम मंत्री, संविधान सभा के सदस्य, युगपुरुष भारतीय राजनीतिज्ञ, दलितों के मसीहा, महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू जगजीवन राम की जयंती को समता दिवस के रूप में मनाया। महान राजनेता बाबू जगजीवन राम के चित्र पर पुष्प माला चढ़ाकर दीप प्रज्वलित करते हुए राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह खुगांई व विशिष्ट अतिथि वेद प्रकाश अग्रवाल और होशियार सिंह आर्य रहे। कार्यक्रम में शिक्षाविद् जगदेव सिंह खरड़िया, योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह खुगाँई, समाजसेवी वेदप्रकाश अग्रवाल व होशियार सिंह आर्य को समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर सम्मानित किया गया।जगदेव सिंह खरड़िया व डॉ. प्रीतम सिंह ने अपने संबोधन में कहा- बाबू जगजीवन राम भारतीय राजनीति के क्षितिज पर छाने वाले महान नेता थे। वे राष्ट्र निर्माताओं में से एक युगपुरुष थे। वे गरीब मजदूर और किसानों के हितैषी थे। आजादी के बाद राष्ट्र निर्माण में उनका अहम योगदान रहा है। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध की ऐतिहासिक जीत के हीरो बाबू जगजीवन राम थे। उस समय उन्होंने रक्षा मंत्री रहते हुए युद्ध का नेतृत्व किया था।
आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी ने बाबू जगजीवन राम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा- बाबू जगजीवन राम के जीवन के कई पहलू हैं। उनमें से ही एक है भारत में संसदीय लोकतंत्र के विकास में उनका अमूल्य योगदान। 28 साल की उम्र में ही 1936 में उन्हें बिहार विधान परिषद् का सदस्य नामांकित कर दिया गया था। जब गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 के तहत 1937 में चुनाव हुए तो बाबूजी डिप्रेस्ड क्लास लीग के उम्मीदवार के रूप में निर्विरोध एमएलए चुने गये। वह महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा आन्दोलन में जेल गये। जब मुंबई में 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की तो जगजीवन राम वहीं थे। तय योजना के अनुसार उन्हें बिहार में आंदोलन को तेज करना था, लेकिन दस दिन बाद ही उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया। संविधान के निर्माणकर्ताओं में से एक बाबूजी ने सदैव सामाजिक न्याय को सर्वोपरि माना है। पंडित नेहरू का बाबूजी के लिए एक विख्यात कथन कुछ इस प्रकार है- ‘समाजवादी विचारधारा वाले व्यक्ति को, देश की साधारण जनता का जीवन स्तर ऊँचा उठाने में बड़े से बड़ा खतरा उठाने में कभी कोई हिचक नहीं होती। श्री जगजीवन राम उन में से एक ऐसे महान व्यक्ति हैं’। श्रम, रेलवे, कृषि, संचार व रक्षा, जिस भी मंत्रालय का दायित्व बाबूजी को दिया गया हो उसका सदैव कल्याण ही हुआ है।
बाबूजी के प्रयत्नों से गांव – गांव तक डाक और तारघरों की व्यवस्था का भी विस्तार हुआ। रेलमंत्री के रूप में बाबूजी ने देश को आत्म-निर्भर बनाने के लिए वाराणसी में डीजल इंजन कारख़ाना, पैरम्बूर में ‘सवारी डिब्बा कारख़ाना’ और बिहार के जमालपुर में ‘माल डिब्बा कारख़ाना’ की स्थापना की। सन 1946 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में शामिल होने के बाद वह सत्ता की उच्च सीढ़ियों पर चढ़ते चले गये और तीस साल तक कांग्रेस मंत्रिमंडल में रहे। पांच दशक से अधिक समय तक सक्रिय राजनीति में रहे बाबू जगजीवन राम ने सामाजिक कार्यकर्ता, सांसद और कैबिनेट मंत्री के रूप में देश की सेवा की। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी कि श्रम, कृषि, संचार, रेलवे या रक्षा, जो भी मंत्रालय उन्हें दिया गया उन्होंने उसका प्रशासनिक दक्षता से संचालन किया और उसमें सदैव सफ़ल रहे। किसी भी मंत्रालय में समस्या का समाधान बड़ी कुशलता से किया करते थे। उन्होंने किसी भी मंत्रालय से कभी इस्तीफ़ा नहीं दिया और सभी मंत्रालयों का कार्यकाल पूरा किया। बाबूजी ने सदैव निडरतापूर्वक अन्याय का सामना किया एवं साहस, ईमानदारी, ज्ञान व अपने अमूल्य अनुभव से सदैव देश की भलाई की। वे स्वतंत्र भारत के उन महान नेताओं में से एक थे जिन्होनें दलित समाज की दशा बदल दी व एक नयी दिशा प्रदान की। इन्होनें सदा एक ही चुनाव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया व सदा अपराजित ही रहे। बाबू जगजीवन रामजी ने वर्ष 1936 से वर्ष 1986 तक अर्थात आधी शताब्दी तक राजनीति में सक्रिय रहने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। ऐसे महापुरुष को हम नमन करते हैं। इस मौके पर जगदेव सिंह खरड़िया, डॉ. प्रीतम सिंह खुगांई, होशियार सिंह आर्य, धर्मपाल गाँधी, नेशनल योगा खिलाड़ी सुदेश खरड़िया, वेद प्रकाश अग्रवाल, नेशनल योगा खिलाड़ी संदीप कुमार, दिनेश, मलखम नेशनल खिलाड़ी सोमवीर, पवन सिंह, विशाल कुमार, मौसम, निकिता, कनिका, प्राची दुल, निशू, मोहित कुमार, जिया, टीना कुमारी, खुशी वर्मा, कंचन कंवर, समर सिंह रोहतक आदि अन्य लोग मौजूद रहे। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी ने सभी का आभार व्यक्त किया।