लाखनी के सुभाष वर्मा लॉकडाउन में
जाजोद(अरविन्द कुमार) एक सैनिक के अंदर का अनुशासन, जज्बा और, देशप्रेम की भावना कभी खत्म नहीं होती है। चाहे वह बॉर्डर पर हो या फिर गांव के दंगल में। ऐसा ही अनुशासन और देश सेवा का भाव सीकर जिले के लाखनी गांव में देखने को मिल रहा है। दरअसल एक फरवरी को सैनिक सुभाष चंद छुट्टी पर गांव में आए थे। छुट्टी पर आने के बाद कोरोना वैश्विक महामारी के चलते लॉक डाउन लग गया। जिसके कारण सैनिक वापस ड्यूटी पर नहीं जा सके। ऐसे में सैनिक ने अपने गांव के युवाओं को देशसेवा में लगाने की ठानी। युवाओं को सेना में भर्ती करवाने और खेलों में आगे बढ़ाने के लिए सैनिक ने टाइम का सदुपयोग करते हुए युवाओं को कुश्ती, कबड्डी, जूडो और कराटे के प्रशिक्षण के साथ-साथ फिजिकल की भी तैयारी करवा रहे हैं। जिसमे करीब 20 लड़को को फ्री ट्रेनिंग दी जा रही है, सुभाष चंद का कहना है कि 10साल पहले वो सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। सैनिक सुभाष चंद्र वर्मा ने बताया कि सेना मे जाने के अथक प्रयाशो से 2010 में सीआरपीएफ में लगने के बाद उनका देश सेवा करने का जुनुन पुरा हुआ। वर्मा ने बताया कि उनकी ड्यूटी जंगली इलाकों में है,ऐसे में कई बार नक्सलियों से मुठभेड़ भी हुई है। जंगलों में नक्सलियों को पकडऩे के कई ऑपरेशन भी किए जो लगभग सफल हुए। वर्तमान में वर्मा सीआरपीएफ कोबरा बटालियन 207 में कोबरा कमांडो की पोस्ट पर बंगाल में तैनात है। कमांडो होने की वजह से वे फिटनेस को लेकर ज्यादा ध्यान रखते हैं।