श्रीमद्भागवत कथा का चौथें दिन: कृष्ण जन्म की मनमोहक कथा

फतेहपुर, शहर के पौद्धार सदन में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथामृत रसास्वादन का आयाेजन किया गया है। शनिवार चौथें दिन कथावाचक गोर्वधन तलहटी के श्री श्याम कृष्ण पुरोहित ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की अंधेरी रात को रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी ने भगवान को जन्म दिया था। उन्होंने द्वापर युग की कथा सुनाते हुए बताया कि मथुरा के राजा उग्रसेन के पुत्र कंस ने अपने पिता को गद्दी से हटाकर स्वयं राजा बन गया था। कंस की बहन देवकी का विवाह यदुवंशी सरदार वसुदेव से हुआ था।कार्यक्रम मे ओमप्रकाश पौद्धार ने भगवान कृष्ण के नन्हे स्वरूप की पूजा अर्चना की। सुनिता — सुनिल शर्मा ने वामन भगवान का पूजन अर्चन किया।
कथा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और अपनी आस्था व्यक्त की। यह आयोजन 19 से 25 मार्च तक चलेगा। कथा दोपहर 1 से शाम 05 बजे तक होती है।
जन्मोत्सव की झांकी निकलते ही श्रद्धालु पुष्प की वर्षा करने लगे। जन्मोत्सव में भजन पर श्रोता खूब झूमे। भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों व नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। इस दौरान भगवान श्री कृष्ण व बामन भगवान की सजीव झांकी सजाई गई। वहीं भगवान श्री कृष्ण की कई लीलाओं का वर्णन किया गया। श्री श्यामकृष्ण महाराज ने कहा कि श्रीमद भागवत सुनने का लाभ भी कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को जीवन जीने और मरने की कला सिखाती है। मनुष्य को जीवन परमात्मा ने दिया है, लेकिन जीवन जीने की कला हमें सत्संग से प्राप्त होती है। सत्संग का मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व है। कथा के दौरान कथा व्यास ने अनेक भक्तिपूर्ण भजन प्रस्तुत किए। इस दौरान धार्मिक भजनों पर श्रद्धालुओं को नृत्य करते हुए व जयकारे लगाते हुए देखा गया। जिससे गांव का माहौल धर्ममय हो गया।
इस आयोजन में इस दौरान मुकेश खेडवाल, जयकान्त नागवान,,गिरधारी चोटिया,, गुटु निर्मल,पवन बबेरवाल,शिवप्रकाश जोशी, अमित जोशी,मधु पीपलवा,उज्जवल रिणवांमोनू नवहाल,राजेन्द्र हरितवाल,श्याम जोशी,राजकुमार पीपलवा,अरूण चौमाल, करण सिंह,सुशील सोनी, सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।