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दादूद्वारा आश्रम में नानी बाई के मायरे की कथा का समापन

रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] दादूद्वारा में पाँच दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम के अंतर्गत चल रही नानी बाई के मायरे की कथा का भात भरने की रस्म के साथ समापन हुआ। कथा में भगवान श्री कृष्ण, राधा, रुक्मणी आदि की झांकियाँ सजाई गई।कथा वाचक कृष्णानंद महाराज ने बताया की जिस प्रकार भगवान कृष्ण ने नरसी मेहता के कार्य को स्वयं उपस्थित होकर सम्पूर्ण किया उसी प्रकार यदि कोई भक्त सच्चे मन से भगवान को याद करता है और उन्हीं के समर्पित हो जाता है तो भगवान को अभी आना पड़ता है। और अपने भक्त के कार्य की सिद्धि करना पड़ता है।

कथा समापन के बाद रात्रि में विशाल जागरण हुआ। पल्लू के गायकार कलाकारों द्वारा भजनों की व नृत्य की प्रस्तुति दी गई।रविवार को दिन में भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें 251 से अधिक कन्याओं का पूजन महंत देवादास महाराज, हेमलता बाई महाराज व कृष्णानंद महाराज द्वारा किया गया। सनातन परंपरा में कन्या पूजन व भोजन का विशेष महत्व बताया गया है। माँ भगवती की प्रसन्नता व मनुष्य के सभी मनोरथ पूर्ण कर रोग, दोष, संकट आदि के निवारण हेतु कन्या पूजन अवश्य करना चाहिए।कन्या पूजन के साथ भंडारे का आयोजन हुआ। जिसमे नगर वसियों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में दादू पीठाधीश्वर ओम प्रकाश दास नेरेना धाम, राम रतन दास, कैलाश दास, काशीनाथ, शांति नाथ, चिमा बाबा, अंबिका प्रसाद हारित, प्रदीप पारुल आत्रेय, नरेंद्र स्वामी, परमानंद धानुका, सुरेंद्र इंदौरिया, राजकुमार पारिक, सुरेश मुरारका, संतोषबाबू इंदौरिया, अनिल चौटिया, राहुल धायल, डॉ. राजकुमार हारित, घनश्याम मंगलहारा, गजानंद चौटिया, गणेशाराम गौड़, महेश जोशी आदि उपस्थित थे।

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