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संतों की कृपा भगवान की कृपा से बड़ी होती है – कृष्णानंद महाराज

रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] स्थानीय हाँडिया बाबा बगीची में चल रही नानी बाई के मायरे की कथा में कृष्णानंद महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि नरसी भगत ने जब नानी बाई का मायरा भरने के लिए अपने ईष्ट भगवान श्रीकृष्ण को पुकारा तो भगवान श्रीकृष्ण ने आकाशवाणी कर नरसी भगत को बेधड़क जाने की बात कहीं।जब नरसी भगत खाली हाथ अपनी साध संगत के साथ नानी बाई के घर पहुंचा, तो उसे तिरस्कार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं आकर नानी बाई का मायरा भरा। उन्होंने कहा कि भगवान केवल निष्छल ह्रदय के वशीभूत है। कृष्णानंद महाराज ने बताया की नानी बाई रो मायरो अटूट श्रद्धा पर आधारित प्रेरणादायी कथा है। जहां कथा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण का गुणगान किया जाता है। महाराज बी बताया की संतों की कृपा भगवान की कृपा से बड़ी होती है। भगवान की अपने भक्तों पर कृपा कब हो, यह निश्चित नहीं है।लेकिन संतों की कृपा हो जाए तो भगवान को अपने भक्तों पर निश्चित की कृपा करनी पड़ती है।कथा में संत धर्म नाथ, गंगा नाथ, दीप नाथ, जयराम दास, ओंकारमल लिंबा, नागेश महर्षि, ओमप्रकाश घोड़ेला, दामोदर प्रजापत, शंकरलाल स्वामी, विनोद डाँवर, परमेश्वर नैण, सीताराम टाक, दीपक बुखरेडिया, विनोद धानुका, राकेश तुंनवाल, गजेन्द्र महर्षि, नरेश भार्गव आदि उपस्थित थे।

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