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Video News – पॉलिटिक्स जैसी ड्रामेबाजी : झुंझुनू में दो अधिकारियो के बीच चल रहा विवाद

अब तो लगने लगा कि टीवी पर चल रहा हो जैसे सीरियल

एसडीएम सुप्रिया और एएओ राजेश बजाड़ के विवाद के बीच सामने आ रहे है नए खुलासे

झुंझुनू, झुंझुनू जिला मुख्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों को लेकर बन रहे समाचार ही आजकल सुर्खियों में छाए हुए हैं। यदि बात करें तत्कालीन झुंझुनू एसडीएम सुप्रिया और एएओ राजेश बजाड़ के बीच हुए विवाद की। जब से यह विवाद सामने आया है तब से इसमें पॉलिटिक्स जैसी ड्रामेबाजी ही ज्यादा देखने को मिल रही है। समाचार पत्रों में जो खबरें सामने आ रही है उसमें कभी आरोप लगाए जाते हैं कभी माफी मांगी जाती है फिर सामने आता है कि दबाव में माफी नाम लिखवाया गया और आज तो एक समाचार पत्र में जो खबर छपी है उसको देखकर इस ड्रामेबाजी ने हद ही कर दी। समाचार पत्र में छपी खबर में सामने आया कि रक्षाबंधन पर एसडीएम आवास पर एएओ राजेश बजाड़ ने एसडीएम सुप्रिया को चुनरी ओढ़ाई और समाचार पत्र में यह भी लिखा गया कि एसडीएम ने बजाड़ को राखी बांधी थी। वही झुंझुनू जिला कलेक्टर ने इस पूरे मामले पर जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। जिसमें एडीएम द्वारा इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। बहरहाल इस जांच में क्या सामने आएगा यह तो भविष्य के गर्भ में है। लेकिन आए दिन इस मामले को लेकर समाचार सामने आ रहे हैं उसे लगता है कि जैसे हम झुंझुनू जिला मुख्यालय पर अधिकारियों के बीच हुए इस विवाद को नहीं बल्कि महिलाओं के लिए बनाए गए किसी टीवी सीरियल को देख रहे हो। इस पूरे मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री तक का नाम घसीटा जा रहा है। वहीं भाजपा ने भी कल इसमें एंट्री करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। लिहाजा पूरा माजरा क्या है इसका दूध का दूध और पानी का पानी होना जरूरी है। वही तत्कालीन एसडीएम की तरफ से समाचार पत्र द्वारा सामने आया था कि वह लीगल कार्रवाई करेंगे तो यदि यह आरोप निराधार हैं तो शीघ्र ही लीगल कार्रवाई की जानी चाहिए या फिर एएओ राजेश बजाड़ द्वारा लगाए गए आरोपों में प्रमाणिकता है तो उनको सिद्ध किया जाना चाहिए। क्योंकि इन दोनों अधिकारियों के बीच चल रहे इस ड्रामेबाजी जैसे माहौल के चलते आम जनता को पीड़ा भुगतनी पड़ रही है। क्योंकि चुनाव सिर पर हैं और आचार संहिता लगने को है। ऐसी स्थिति में रुके हुए काम जहां त्वरित गति से होने चाहिए। वही झुंझुनू एसडीएम कार्यालय के अंदर बहुत से कामों को लेकर लोगों को चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। आखिर इन दो अधिकारियों के बीच की इस लड़ाई में बेगुनाह आम जनता क्यों पीसे।

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